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देहरादून जिले में 95 फीसदी लोगों को लग चुकी है पहली वैक्सीन - Uttarakhand Corona Vaccine

कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है. पीएचसी लेवल में बेड्स और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं, जिससे मरीजों को ग्रामीण क्षेत्रों में ही स्वास्थ्य सुविधाएं मिल जाएं. देहरादून जिले में वैक्सीन की पहली डोज 95 फीसदी लोगों को लग चुकी है.

Dehradun Vaccination
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Published : Sep 7, 2021, 2:34 PM IST

देहरादून:जनपद में कोविड-19 टीकाकरण की गति को बढ़ाने और तीसरी लहर की रोकथाम के लिए विभागीय स्तर पर अनेकों टीमें गठित की जा रही हैं. इसके साथ ही विभाग ने तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए सबसे छोटी यूनिट कहे जाने वाले पीएचसी लेवल में 2 बेड्स और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध करवाए हैं, जिससे मरीजों को ग्रामीण क्षेत्रों में ही स्वास्थ्य सुविधाएं मिल जाएं.

देहरादून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज उप्रेती ने बताया कि जनपद में टीकाकरण के लिए अब लोगों को कोविड पोर्टल स्लॉट बुकिंग नहीं करना होगा. कोई भी व्यक्ति किसी भी सरकारी टीकाकरण केंद्र पर जाकर टीका लगवा सकता है. लोगों को कोई परेशानी ना हो उसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक हेल्पलाइन नंबर 0135 2724506 जारी किया है.

95 फीसदी लोगों को लगा टीका

इसके साथ ही दिव्यांगों को घर पर ही टीके लगाने की सुविधाएं प्रदान की गई हैं. उन्होंने बताया कि अब तक 95% प्रथम डोज के टीकाकरण का लक्ष्य पूरा किया जा चुका है. वहीं, जिले में अब तक कुल 14,27,997 लोगों के सापेक्ष 13,45,799 लोगों को टीका लगाया जा चुका है. इसके साथ ही कोरोना की तीसरी लहर के बचाव के लिए विभाग ने जागरूक रहने की अपील की है.

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दूसरी लहर से सबक लेते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अब निचले स्तर पर यानी पीएचसी लेवल में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और बेड की सुविधाएं उपलब्ध करवाई है, ताकि कोई व्यक्ति हल्की बीमारी में वहां आता है तो उसे यह फायदा होगा कि मरीज को बड़े अस्पतालों के चक्कर नहीं काटने होंगे. इसी तरह कंबाइंड हेल्थ सेंटर्स, जिला और सब जिला अस्पतालों को भी सेंट्रल ऑक्सीजन लाइन से अपग्रेड किया जा रहा है. यहां पर भी स्वास्थ्य विभाग ने मरीजों और बच्चों को रखने की उचित व्यवस्था की है. बेड व दवाइयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करवाई गई हैं.

इसके अलावा तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए प्रत्येक सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को तीसरी लहर से निपटने को लेकर प्रशिक्षित किया गया है. थर्ड वेव में बच्चों के प्रभावित होने की आशंका को देखते हुए 18 वर्ष तक के बच्चों को विभाग की ओर से सप्लीमेंट दवाइयों का वितरण किया जा रहा है.

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