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International Yoga Festival: परमार्थ निकेतन में 90 देशों के 1100 साधक लगाएंगे ध्यान, राज्यपाल करेंगे शुभारंभ

परमार्थ निकेतन में कल 8 मार्च से अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव की शुरुआत होने जा रही है, जिसका शुभारंभ उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह करेंगे. इस बार 90 देशों के 1100 से ज्यादा जिज्ञासुओं, प्रतिभागियों और 25 से अधिक देशों के 75 से अधिक योग प्रशिक्षक सहभाग कर रहे हैं.

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Published : Mar 7, 2023, 7:57 PM IST

ऋषिकेश:तीर्थनगरी ऋषिकेश में स्थित परमार्थ निकेतन में 35वें अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का आगाज बुधवार 8 मार्च से होने जा रहा है. अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के कार्यक्रम का शुभारंभ उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह करेंगे. इस परमार्थ निकेतन के 35वें अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में दुनिया भर से करीब 90 योगाचार्य अपनी उत्कृष्ट विधाओं के साथ अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में प्रशिक्षण देंगे, जिसमें से 50 विदेशी हैं.

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती और अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव की निदेशक साध्वी भगवती सरस्वती ने बताया कि International Yoga Festival का आयोजन परमार्थ निकेतन ऋषिकेश में अतुल्य भारत, पर्यटन मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय और आयुष मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से किया जा रहा है.
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अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव की शुरूआत औपचारिक रूप से विश्व शांति यज्ञ के साथ हुई, जिसमें सभी आगंतुकों का स्वागत किया गया. इस अवसर पर साध्वी भगवती सरस्वती ने बताया कि आज से कई साल पहले 16 से 18 प्रतिभागियों के साथ योग की इस यात्रा की शुरूआत हुई थी, जो आज एक वटवृक्ष की तरह विशाल हो गया है और पूरे विश्व को योगमय करने के लिये प्रतिबद्ध है.

उन्होंने जानकारी दी कि इस वर्ष अब तक 88 देशों से लगभग एक हजार प्रतिभागियों ने पंजीकरण कर लिया है और 25 से अधिक देशों से 75 योगाचार्य अपनी उत्कृष्ट विधाओं के साथ अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में सहभाग कर रहे हैं. स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि योग खुद से जुड़ने की यात्रा है और यही संदेश हमारे पर्व और त्योहार भी हमें देते हैं.

चिदानंद सरस्वती ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के जरिए भारत की अमूल्य धरोहर योग, अतुलनीय संस्कृति, वसुधैव कुटुम्बकम का मंत्र और विविधता में एकता की संस्कृति वैश्विक स्तर तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है. अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में पूरे भारत का दर्शन कर सकते है. पूरा विश्व मां गंगा के इस पावन तट पर पूरे भारत को देखता हैं.
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अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में विश्व के अनेक देशों से सेवा देने आए साधकों को स्वामी चिदानंद सरस्वती ने संदेश दिया कि यह योग महोत्सव खुद को संवारने, तराशने और तलाशने का है. आप सभी प्रभु के यंत्र के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान करें, मैट पर योग करने के साथ ही आपस में भी योग करें, यही वास्तव में योग है. यह International Festival के साथ अंतर (आत्मा) का भी पर्व है.

विशेष योगाभ्यास में प्रातः 4:30 बजे से रात 9:30 बजे तक होगा, जिसमें प्रमुख रूप से अष्टांग योग, आयंगार योग, हठ योग, राज योग, भक्ति योग, गंगा योग, ध्यान, मुद्रा, वैदिक मंत्र, संस्कृतवाचन, आयुर्वेद, रेकी, लीला योग, विन्यास योग, कुण्डलिनी योग, जीवमुक्ति योग, सिन्तोह योग, सेमैटिक योग, डीप योग, नाड़ी योग और भारतीय दर्शन, डांस ऑफ प्राण, द रूट ऑफ यम, योग राग, सूर्योदय नाद, श्रीकृष्ण बांसुरी राग, कास्मिक हार्ट की भी कक्षाएं होंगी. देश-विदेश से आये हुए आध्यात्मिक महापुरूषों, धर्मगुरूओं, विशेषज्ञों, राजनेताओं द्वारा धार्मिक संवाद, जिज्ञासा समाधान एवं प्रश्नोत्तरी का भी विशेष आयोजन इस अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में होगा.

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