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उत्तराखंड में बिक रहा 88% नकली सरसों का तेल, इन तरीकों से करें शुद्धता की पहचान - Mustard Samples Failed

उत्तराखंड की स्वयंसेवी संस्था ने खुलासा किया है कि उत्तराखंड में 88 फीसदी मिलावटी सरसों का तेल बिक रहा है. स्पेक्स ने उत्तराखंड के अलग-अलग स्थानों में सरसों के 469 नमून एकत्र किए, जिनमें से 415 सैंपल में मिलावट दर्ज की गई है.

Dehradun Hindi News
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Published : Oct 28, 2021, 8:05 PM IST

देहरादून:अगर आप सरसों का तेल खरीद रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए जरूरी है. उत्तराखंड के 20 जगहों पर नकली सरसों का तेल धड़ल्ले से बिक रहा है. दरअसल, स्वयंसेवी संस्था स्पेक्स ने उत्तराखंड के अलग-अलग स्थानों से सरसों के 469 नमून एकत्र किए, जिनमें से 415 सैंपल में मिलावट दर्ज की गई है. जिसमें देहरादून, विकासनगर, डोईवाला, मसूरी, टिहरी, उत्तरकाशी, ऋषिकेश, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, जोशीमठ, गोपेश्वर, हरिद्वार, जसपुर, काशीपुर, रुद्रपुर, रामनगर, हल्द्वानी, नैनीताल, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ शामिल है.

स्पेक्स संस्था के अध्यक्ष का कहना है कि वह सितंबर से लगातार उत्तराखंड से नमूनों का परीक्षण कर रहे हैं. जिसमें अधिकांश सैंपल फेल हो रहे हैं. जिसकी कि वह रिपोर्ट सरकार को सौंपने वाले हैं. ऐसे में उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि जो भी लोग सरसों या अन्य तेल खरीद रहे है. उसकी जांच अवश्य करें.

बता दें, मसूरी, रुद्रप्रयाग, जोशीमठ, गोपेश्वर और अल्मोड़ा में सरसों के तेल के नमूनों में शत-प्रतिशत मिलावट पाई गई है. वही, जसपुर में न्यूनतम मिलावट 40% और काशीपुर में 50% पाई गई है. उत्तरकाशी में 95%,देहरादून में 94%, पिथौरागढ़ में 91%, टिहरी में 90%, हल्द्वानी में 90%, विकासनगर में 80%, डोईवाला में 80%,नैनीताल में 71%, श्रीनगर में 80%, ऋषिकेश में 75%, रामनगर में 67%,हरिद्वार में 65% और रुद्रपुर में 60% मिलावट पाई गई है. नमूनों में पीले रंग यानी मेटनील पीला, सफेद तेल, कैटर ऑयल, सोयाबीन और मूंगफली जिसमें सस्ती कपास के बीज का तेल होता है और एक हेक्सेन मिलावट का अधिक प्रतिशत पाया गया है.

कितना है नुकसानदायक:सरसों के तेल में सस्ते आर्जीमोन तेल की मिलावट पाई जाती है, जिससे जल शोथ रोग होते हैं. इसके लक्षणों में पूरे शरीर में सूजन विशेष रूप से पैरों में और पाचन तंत्र संबंधी समस्याएं, जैसे उल्टी दस्त और भूख न लगना शामिल है. ऐसे में थोड़ी सी भी मिलावट जलन पैदा कर सकती है, जो कि उस समस्या तो कोई बड़ी बात नहीं लगती लेकिन लंबे समय में इसके गंभीर प्रभाव हो सकते हैं.

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किस तरह कर सकते तेल का परीक्षण: सरसों के तेल की कुछ मात्रा और दो-तीन घंटे के लिए फ्रिज में रख दें. अगर आप का तेल कुछ सफेद भी जैसा जम जाता है, तो तेल में मिलावट है. सरसों के तेल की गुणवत्ता जांचने के लिए आप रबिंग टेस्ट भी ले सकते हैं. हथेलियों में थोड़ा सा तेल डालकर मले यदि आपको रंग का कोई निशान और कुछ रसायनिक गंध मिलती है, तो इसका मतलब है कि तेल में कुछ नकली पदार्थ है. या फिर थोड़ा सा तेल गरम करें और अगर ऊपर की परत में झाग स्थाई रूप से रहे तो मिलावटी है.

कहां कितने नमूने हुए फेल:देहरादून में 250 नमूने लिए थे. जिसमें से 236 मिलावटी नमूना सामने आए हैं. विकासनगर में 30 नमूने लिए गए हैं, जिसमें से 24 नमूने मिलावटी नमूने सामने आए हैं. डोईवाला में 10 नमूने लिए गए हैं. जिसमें से आठ मिलावटी नमूने सामने आए हैं. मसूरी में 5 नमूने लिए गए हैं और 5 नमूने मिलावटी सामने आए हैं. टिहरी गढ़वाल में 10 नमूने लिए गए हैं, जिसमें से 9 नमूने मिलावटी नमूने सामने आए हैं.

जगह नमूने लिए नमूने फेल (मिलावटी)
उत्तरकाशी 20 19
ऋषिकेश 20 15
श्रीनगर 05 04
रुद्रप्रयाग 05 05
जोशीमठ 06 06
गोपेश्वर 05 05
हरिद्वार 20 13
जसपुर 05 02
काशीपुर 06 03
रुद्रपुर 10 06
रामनगर 03 02
हल्द्वानी 20 18
नैनीताल 07 05
अल्मोड़ा 10 10
पिथौरागढ़ 22 20

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