देहरादून: सड़क हादसों के लिए बदनाम हो रही उत्तराखंड की सड़कें हर रोज लोगों की जिंदगी छीन रही हैं. आलम यह है कि इसे खराब सड़कें कहें या फिर सरकारी तंत्र का आंखें मूंद लेना कि जिन गाड़ियों में 6 से 7 सवारी ही बैठ सकती हैं, उन गाड़ियों में जानवरों की तरह सवारियों को भरकर पहाड़ी रास्तों से भेजा जा रहा है. उत्तराखंड में लगातार हो रहे सड़क हादसों के बाद मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए जाते हैं लेकिन उसके बाद भी होता कुछ नहीं, हादसे एक के बाद एक होते जाते हैं, बस जगहें बदल जाती हैं. शनिवार और शुक्रवार को घटी तीन दुर्घटनाओं में 17 लोगों की मौत हो गई, जबकि 3 से अधिक लोग इन सड़क दुर्घटनाओं में घायल हुए हैं.
24 घंटे में चार सड़क हादसे: बीती देर शाम उत्तराखंड के चमोली जिले में एक टाटा सूमो खाई (Tata Sumo fell into a ditch in Chamoli) में गिर गई. इस सड़क दुर्घटना में 12 लोगों की मौत हो गई. टाटा सूमो में सात सवारी बैठने की व्यवस्था होती है, लेकिन सड़क पर बैठे पुलिसकर्मी हो या परिवहन विभाग के अधिकारियों को ये नहीं दिखाई देता. जिन गाड़ियों को यात्रा मार्गों पर चलाया जा रहा है उनमें ओवरलोडिंग हो रही है. शुक्रवार देर रात को चमोली में हुए इस हादसे की मुख्य वजह भले ही कुछ भी बताई जा रही हो लेकिन हकीकत यही है कि जिस गाड़ी में 12 लोग सवार हो उस गाड़ी को पहाड़ी से नीचे उतारना कितना खतरनाक साबित हो सकता है, ये हर कोई जानता है. इस हादसे में कई परिवारों ने अपनों को हमेशा के लिए खो दिया.
ऐसा ही कुछ आज उत्तरकाशी में हुआ. सुबह लगभग 12:00 बजे एक सड़क दुर्घटना हुई. जिसमें 5 लोगों की मौत हो गई. ऐसा ही एक हादसा बदरीनाथ ऋषिकेश मार्ग पर भी हुआ है. जहां 3 लोग सड़क दुर्घटना में घायल हो गये. वहीं, विकासनगर में कालसी-चकराता मोटरमार्ग पर एक स्कूटी सवार अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरा. इस दुर्घटना में स्कूटी सवार की मौके पर ही मौत हो गई.
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चौंकाते हैं सड़क हादसों के आंकड़े: उत्तराखंड में अगर सड़क हादसों की आंकड़ों की बात करें तो 5 सालों में लगभग 7000 से अधिक सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं. जिसमें 5 हजार 40 से अधिक मौतें अब तक हो चुकी है. साल 2022 की बात करें तो इस साल लगभग 500 सड़क हादसे हुए. जिसमें 300 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. यह आलम तब है जब उत्तराखंड में गढ़वाल का एक बड़ा हिस्सा ऑल वेदर रोड का इस्तेमाल कर रहा है. बावजूद इसके सबसे अधिक सड़क हादसे गढ़वाल क्षेत्र में ही हो रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि सड़क दुर्घटनाओं की मुख्य वजह अच्छी सड़कों पर तेज रफ्तार से गाड़ी चलाना है.
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