देहरादून:अपनी बहाली को लेकर धरने पर बैठे 108 एंबुलेंस सेवा के निष्कासित कर्मचारी 71 दिनों से धरने पर हैं. जिस कारण इन पूर्व कर्मचारियों और इनके परिवार के आगे रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. हालात यह है कि अब कर्मचारियों के बच्चे धरने पर बैठे अपने माता-पिता से जल्द से जल्द घर वापस आने और स्कूल की फीस जमा करवाने का अनुरोध कर रहे हैं.
गुहार लगाते निष्कासित कर्मचारियों के बच्चे. 108 आपातकालीन सेवा कर्मचारी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष विपिन जमलोकी ने कहा कि पिछले 11 सालों से वे लोग अपनी सेवाएं दे रहे हैं. जिसका फल सरकार ने उन्हें निष्कासन के रूप में दिया है. उन्होंने कहा कि बेरोजगारी हर युवा के लिए एक अभिशाप है और समाज में बेरोजगारों को तुच्छ नजरों से देखा जाता है.
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वे बताते हैं कि आर्थिक तंगी का सामना कर रहे 108 सेवा के पूर्व कर्मियों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है. जिसके बाद सभी बेरोजगार कर्मचारियों ने भारत के राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग की है.
चंपावत की रहने वाली पूर्व कर्मचारी शीला गणकोटी ने बताया कि बेरोजगार बीते 71 दिनों से धरने पर बैठे हैं. सभी कर्मचारी अपने परिवार को छोड़कर सरकार से रोजगार की मांग कर रहे हैं. वहीं, उन्होंने बताया कि वे अपनी बच्चों तक की फीस नहीं भर पा रहे हैं. साथ ही उन्होंने मांग है कि सरकार जल्द से जल्द उन्हें रोजगार प्रदान करे.
बता दें कि पिछले 71 दिनों से नई कंपनी में समायोजित किए जाने की मांग को लेकर जीवीके ईएमआरआई 108 आपातकालीन सेवा के पूर्व कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन, उनकी मांगों को सरकार अबतक अनसुना करती आ रही है.