देवभूमि के पांचवें धाम का काम 70 फीसदी पूरा हुआ. देहरादूनः राजधानी देहरादून के गुनियाल गांव में 4 हेक्टेयर भूमि पर बनकर तैयार होने जा रहे उत्तराखंड का भव्य सैन्य धाम का काम तकरीबन 70 फीसदी पूरा हो चुका है. 4 हेक्टेयर में बनने जा रहे उत्तराखंड के भव्य सैन्य धाम में 6 बड़े निर्माण किए जाने हैं, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण मुख्य स्तंभ जहां पर अमर ज्योति स्थापित की जानी है. इसके अलावा सेना में देवता की उपाधि रखने वाले बाबा जसवंत सिंह और बाबा हरदेव सिंह के मंदिर, म्यूजियम, ऑडिटोरियम, ओपन एयर थिएटर जैसे बड़े निर्माण होने हैं.
उत्तराखंड का सैन्य धाम 4 हेक्टेयर भूमि पर तैयार हो रहा है. देहरादून में बनने जा रहे सैन्य धाम के तहत सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी की मौजूदगी में शहीदों के घर से आई मिट्टी से मुख्य स्तंभ के निर्माण का कार्य शुरू होगा. इसके अलावा सैन्य धाम में बाबा जसवंत सिंह और बाबा हरदेव सिंह के मंदिर का निर्माण 80 फीसदी पूरा हो चुका है. इसके अलावा ओपन एयर थिएटर का काम भी 80 फीसदी पूरा कर लिया गया है. जबकि ऑडिटोरियम और म्यूजियम का कार्य भी तकरीबन 35 फीसदी से का कर लिया गया है.
सैन्य धाम में 6 बड़े निर्माण किए जा रहे हैं. सैन्य धाम निर्माण की कार्यदाई संस्था पेयजल निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर संजय कुमार ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि धाम के निर्माण का कार्य युद्धस्तर पर रात दिन जारी है. उत्तराखंड में बनाया जा रहा सैन्य धाम देश के अन्य सैन्य धामों से अलग होगा. इसके अलग होने की वजह लोकेशन और इसका डिजाइन है. उन्होंने बताया कि पूरे देश भर में भ्रमण करने के बाद सभी सैन्य धामों की विशेषताओं को सम्मलित किया गया है.
सैन्य धाम के मुख्य स्तंभ पर अमर ज्योति स्थापित की जा रही है. ये भी पढ़ेंःरामनगर में शहीदों के घरों से पूर्व सैनिकों ने उठाई मिट्टी, सैन्य धाम निर्माण में बनेंगे 'साक्षी' उन्होंने बताया कि जल्द ही सैन्य धाम के मुख्य निर्माण यानी मुख्य स्तंभ का निर्माण कार्य शहीदों के आंगन से आई मिट्टी से शुरू होगा. साथ ही इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री और सैनिक कल्याण मंत्री भी शामिल होंगे. उन्होंने बताया कि अमर ज्योति जवान के मुख्य स्तंभ का सर्कल तकरीबन 63 मीटर का है. इसके अलावा धाम में दोनों मंदिरों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है.
वीर सैनिकों के पराक्रम के किस्से और भारतीय सेना के हथियारों की गैलरी भी सैन्य धाम में रहेगी. उन्होंने बताया कि सैन्य धाम में हर एक निर्माण को इस तरीके से किया गया है कि किसी भी निर्माण की वजह से मुख्य स्तंभ या फिर अमर ज्योति जवान की भव्यता पर असर ना पड़े. यानी कि कोई भी निर्माण मुख्य स्तंभ से ऊपर ना जाए साथ ही इस बात का भी ख्याल रखा गया है कि आसपास के निर्माण का भी सैन्य धाम की भव्यता पर कोई असर नहीं पड़े. सैन्य धाम का निर्माण कर रही कार्यदाई एजेंसी का कहना है कि सैन्य धाम के निर्माण के लिए उनका टारगेट नवंबर माह तक का है. जिस तेज गति से काम किया जा रहा है, उन्हें उम्मीद है कि नवंबर माह तक उत्तराखंड में एक भव्य सैन्य धाम बनकर तैयार हो जाएगा.
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