देहरादून: उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार और उसके सात साथियों को कोर्ट ने जमानत दे दी है. बॉबी पंवार पर पुलिस पर पथराव और उपद्रव फैलाने का आरोप है. बॉबी पंवार समेत 13 युवाओं को पुलिस ने बीते 9 फरवरी को गिरफ्तार किया था. शनिवार 11 फरवरी को 6 आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिल गई थी, लेकिन बॉबी पंवार समेत 7 लोगों को कोर्ट से जमानत नहीं मिल पाई थी. वहीं, कोर्ट का आदेश मिलने के बाद बॉबी पंवार समेत सभी सात लोग जेल से रिहा कर दिए गए. इसके बाद बॉबी बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं से मुलाकात कर उन्हें धन्यवाद अदा किया.
देहरादून की सीजेएम कोर्ट में बॉबी पंवार समेत सात आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद कोर्ट ने उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार समेत सातों आरोपियों की जमानत याचिका मंजूर कर ली. बचाव पक्ष के अधिवक्ता मनमोहन कंडवाल ने कहा कि कोर्ट ने सुनवाई के दौरान युवाओं पर लगी धारा 307 को हटाने के निर्देश दिए और जमानत को मंजूर कर लिया हैं. कल तक बॉबी पंवार समेत उनके साथियों की रिहाई हो जाएगी.
शर्तों के साथ जमानत: कोर्ट ने शर्तों के साथ बॉबी पंवार, रमेश तोमर, लुसुन, हरिओम भट्ट, नितिन दत्त और राम कंडवाल को 30-30 हजार के बॉन्ड पर जमानत मिली है. इसके साथ ही ये लोग किसी उग्र आंदोलन में भाग नहीं लें सकेंगे. साथ ही सरकारी संपत्ति को क्षति नहीं पहुंचाने और आंदोलन नहीं करने एवं बिना अनुमति के सार्वजनिक स्थल पर धरना प्रदर्शन करने की मनाही होगी.
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वहीं, पुलिस ने बॉबी पंवार के पुराने क्रिमिनल रिकॉर्ड को भी कोर्ट में पेश किया. इसके अलावा पुलिस को कई चौंकाने वाली जानकारियां मिली हैं. पत्थरबाजों को फंडिंग देने वाले बैंक खाते के बारे में पुलिस को अहम जानकारी हाथ लगी है. पत्थरबाजों को जिस बैंक खाते से फंडिंग हो रही थी, वो एसबीआई (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) का बताया जा रहा है. खाते खुलवाने वाले कुछ लोग बाहरी बताए जा रहे हैं. पुलिस मामले की तह तक जाने का प्रयास कर रही है. डीआईजी देहरादून के मुताबिक यह संदिग्ध फंडिंग खाता कुछ व्यक्तियों या किसी संगठन का भी हो सकता है. पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है.