देहरादून: कोरोना वायरस से बढ़ते खतरे और सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार रखने के लिए उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश की 11 अलग-अलग जेलों में बंद 610 सजायाफ्ता कैदियों को पैरोल पर छोड़ दिया है. पैरोल पर रिहा होने वाले कैदियों में 441 कैदी उत्तराखंड के निवासी हैं, जबकि 169 कैदी दूसरे राज्यों के हैं. फिलहाल पुलिस पैरोल पर छूटने वाले प्रदेश के 441 कैदियों को उनके घरों छोड़ने का काम कर रही है. हालांकि, दूसरे राज्यों के 169 कैदियों को उनके घर पहुंचाने की योजना पर सरकार विचार कर रही है.
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कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए और सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार रखने के लिए सरकार ने कैदियों को पैरोल पर रिहा किया है, ताकि जेलों की बैरकों में कैदियों की संख्या नॉर्मल रहे. पैरोल पर छोड़े जा रहे 610 कैदियों को कोर्ट ने 7 साल और उससे अधिक की सजा सुनाई है. राज्य के अलग-अलग जेलों की बैरकों में क्षमता से अधिक कैदी भरे हुए हैं, जिसकी वजह से कैदियों में कोरोना वायरस फैलने की संभावना को देखते हुए राज्य सरकार ने कुछ कैदियों को छोड़ने का फैसला किया.
उत्तराखंड की जेलों से 610 कैदी पैरोल पर रिहा. पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के मुताबिक उत्तराखंड के रहने वाले 441 कैदियों को तो पैरोल पर छोड़ दिया गया है. हालांकि दूसरे प्रदेशों के 169 कैदियों को उनके घर तक कैसे पहुंचाया जाए, इसके लिए योजना बनाई जा रही है.