देहरादून:कोरोना संक्रमित के नए मरीजों के सामने आने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है. हालांकि, इसके बाद भी उत्तराखंड में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या नहीं बढ़ेगी और आंकड़ा 59 ही रहेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि देहरादून के इस संक्रमित मरीज का कोविड-19 टेस्ट दिल्ली के निजी अस्पताल में हुआ है और इस मरीज को दिल्ली के कोरोना संक्रमितों में ही गिना जाएगा. वहीं दिल्ली के एक निजी अस्पताल की गलती के चलते कई लोग खतरे में पड़ गए हैं. वहीं प्रदेश में अबतक 39 कोरोना मरीज रिकवर हो चुके हैं.
राज्य में कोरोना वायरस की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या में तेजी से इजाफा होने लगा है. शुक्रवार रात को एम्स ऋषिकेश में स्वास्थ्य कर्मी कोरोना पॉजिटिव पाया गया तो शनिवार को दो मामलों के आने से फिर से मैदानी जिलों में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. दरअसल शनिवार को रुद्रपुर में एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया गया, जबकि देहरादून के चमन विहार में एक बुजुर्ग में भी कोरोना की पुष्टि हुई है. लेकिन ये केस दिल्ली में गिना जाएगा.
दरअसल, देहरादून में पॉजिटिव पाया गया शख्स हाल ही में दिल्ली से लौट कर आया था. कोरोना संक्रमित इस शख्स का दिल्ली के एक अस्पताल में कैंसर का इलाज भी चल रहा है. हालांकि, उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि इस मरीज का टेस्ट दिल्ली के निजी अस्पताल में हुआ था. इसलिए इसकी संख्या को दिल्ली में ही गिना जाएगा. वहीं अब दिल्ली के इस निजी अस्पताल पर सवाल खड़े होने लगे हैं. क्योंकि बुजुर्ग मरीज 28 तारीख को दिल्ली गया और 30 तारीख तक अस्पताल में भर्ती रहा. इस दौरान ही उसका कोविड 19 टेस्ट हुआ. इसके बावजूद इसके कोविड-19 के प्रोटोकॉल का बिना पालन किए ही मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया. जिसके बाद यह मरीज देहरादून लौट आया है. वहीं प्रदेश में आज 2 मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है.