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Published : Apr 15, 2021, 9:05 PM IST

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महाकुंभ की चुनौतियां खत्म, कोरोना टेस्टिंग के बाद वापस भेजी गई 50% फोर्स

महाकुंभ के मुख्य शाही स्नानों के बाद ड्यूटी में तैनात 10 हजार से अधिक उत्तराखंड पुलिस जवानों में से 50 फीसदी फोर्स की कोरोना टेस्टिंग कर उन्हें मूल तैनाती पर वापस भेजा गया है.

50 percent force sent back from Mahakumbh duty
कोरोना टेस्टिंग के बाद वापस भेजी गई 50 फीसदी फोर्स

देहरादून: उत्तराखंड पुलिस के मुताबिक महाकुंभ जैसे विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन की मुख्य चुनौतियां सकुशल समाप्त हो चुकी हैं. अब सरकार की अधिसूचना के मुताबिक अप्रैल माह अंत तक मात्र कुंभ मेले की औपचारिकताएं बाकी हैं. ऐसे में महाकुंभ ड्यूटी में तैनात 10 हजार से अधिक उत्तराखंड पुलिस जवानों में से 50 फीसदी फोर्स की कोरोना टेस्टिंग कर उन्हें मूल तैनाती पर वापस भेजा गया है. इतना ही नहीं पुलिस मुख्यालय के मुताबिक जल्द ही बाकी फोर्स को भी कुंभ के अंतिम पड़ाव आते-आते वापस अपनी मूल तैनाती में भेज दिया जाएगा.

कोरोना टेस्टिंग के बाद वापस भेजी गई 50 फीसदी फोर्स

महाकुंभ ड्यूटी में तैनात मात्र 33 पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव

वहीं, हरिद्वार महाकुंभ ड्यूटी में तैनात उत्तराखंड पुलिस के 10 हजार कर्मियों के टेस्टिंग रिपोर्ट अनुसार अभी तक मात्र 33 पुलिसकर्मी ही कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. जो महाकुंभ जैसे सबसे अधिक भीड़-भाड़ वाले आयोजन के लिए राहत की बात है. महाकुंभ में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के नजदीक जाकर उनको सबसे बड़ी मददगार की भूमिका में पुलिस ही आगे रही.

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श्रद्धालुओं की संख्या शाही स्नान में भी काफी घटी

महाकुंभ आयोजन को लेकर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने भी माना कि कोरोना महामारी के चलते विगत वर्षों की तुलना इस महाकुंभ में काफी कम संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. सबसे अधिक भीड़ 11 मार्च शिवरात्रि शाही स्नान में हुई. उसके बाद 12 अप्रैल वाले शाही स्नान में भीड़ 20 से 25 लाख अनुमानित थी, जो पूर्व वर्षो की तुलना कम थी. वहीं, 14 अप्रैल के सबसे बड़े शाही स्नान में भी उस संख्या में श्रद्धालु नहीं पहुंचे, जितने की पूर्व के वर्षों के महाकुंभ में पहुंचते थे. ऐसे में कोरोना महामारी का बड़ा असर इस महाकुंभ में नजर आया.

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डीजीपी अशोक कुमार के मुताबिक सरकारी नोटिफिकेशन के मुताबिक भले ही 30 अप्रैल 2021 तक महाकुंभ आयोजन है. लेकिन 14 अप्रैल के बाद अब यह मात्र औपचारिकता जैसा ही शेष है. 27 अप्रैल को अंतिम शाही स्नान है जो मुख्यत बैरागी अखाड़ों का रहता है, इसमें अन्य अखाड़े काफी कम संख्या में शामिल होते हैं. इसी के दृष्टिगत 50 फीसदी फोर्स को वापस कर दिया गया है. बाकी को भी अलग-अलग की संख्या में मूल तैनाती में भेज दिया जाएगा.

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