देहरादून/टिहरी/चमोली/श्रीनगर: उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से लगातार आसमानी कहर (Disaster rain in Uttarakhand) जारी है. जिसके चलते गढ़वाल मंडल के देहरादून, चमोली, टिहरी और पौड़ी गढ़वाल जिले (Disaster in Garhwal division due to rain) गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं. इन आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल राहत और रेस्क्यू अभियान चलाये जा रहे हैं. तीनों जिलों में अभी तक 5 शव बरामद (5 bodies recovered so far in three districts) किए जा चुके हैं. इसके अलावा 13 लोग अभी भी लापता (13 people still missing in the disaster) हैं. इसके अलावा आपदा में 54 घरों को हुआ नुकसान हुआ है, जबकि कई घर ऐसे हैं जमींदोज हो चुके हैं.
देहरादून और टिहरी जिले के सीमावर्ती क्षेत्र मालदेवता और सरखेत में बादल फटने से बहुत नुकसान हुआ है. वहीं, पौड़ी जिले का यमकेश्वर ब्लॉक में आपदा के कई क्षेत्र प्रभावित हुए हैं. जहां लगातार शासन प्रशासन बचाव और राहत कार्य में जुटा हुआ है. कमिश्नर गढ़वाल सुशील कुमार ने बताया अब तक इन तीनों जिलों में 5 शव बरामद किए जा चुके हैं. जिनमें से 3 टिहरी गढ़वाल, एक पौड़ी और एक देहरादून से है.
वहीं, इसके अलावा 13 लोग अभी भी लापता हैं. जिसमें से सात लोग देहरादून, 6 लोग टिहरी गढ़वाल से हैं. कमिश्नर गढ़वाल ने बताया टिहरी गढ़वाल में सबसे ज्यादा नुकसान की सूचना मिली है. देहरादून मालदेवता के समीप धनौल्टी विधानसभा और कीर्तिनगर तहसील में भी काफी नुकसान हुआ है.
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54 घरों को हुआ नुकसान, कई जमींदोज:कमिश्नर गढ़वाल सुशील कुमार (Commissioner Garhwal Sushil Kumar) ने बताया तकरीबन 54 घरों को नुकसान हुआ है. जिसमें से 44 घरों को आंशिक नुकसान और 10 ऐसे ही घर हैं जो पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं. कमिश्नर गढ़वाल ने बताया इन सभी नुकसान की भरपाई के लिए आपदा एक्ट के तहत लगातार मुआवजा राशि वितरित की जा रही है. जिसमें से 7 लाख का भुगतान अब तक किया जा चुका है.
वहीं मृतकों को आपदा एक्ट के अनुसार शव बरामद होने पर प्रत्येक मृतक पर ₹4 लाख का मुआवजा दिया जा रहा है. जिसमें से अब तक 12 लाख रुपए वितरित किए जा चुके हैं. इसके अलावा जिन लोगों के सामान का नुकसान हुआ है और घरों में खाने-पीने की समस्या है. उन्हें 3800 प्रति परिवार के हिसाब से राहत राशि दी जा रही है. यही नहीं तत्काल राहत के रूप में पेयजल और पके हुए भोजन के साथ साथ कच्चा राशन भी आपदा राहत क्षेत्रों में वितरित किया जा रहा है.
अधिकारियों को चेकबुक के साथ मौके पर जाने के निर्देश:आपदा राहत और मुआवजे को लेकर होने वाली लेटलतीफी को लेकर होने वाली असुविधा के संबंध में बताते हुए गढ़वाल कमिश्नर ने कहा इस तरह की कोई स्थिति उत्पन्न ना हो इसके लिए आपदा के दौरान ही अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए थे. उन्हें चेक बुक और कैश साथ लेकर जाने के लिए कहा गया है. कमिश्नर सुशील कुमार ने बताया 20 अगस्त को जब आपदा आई तो उस दौरान तहसीलदार और एसडीएम सहित सभी अधिकारियों को कहा गया कि वह सभी सुविधाएं लेकर प्रभावित क्षेत्रों में जाएं ताकि लोगों को राहत दी जा सके.
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चमोली के तीन विकासखंड में विद्युत सप्लाई बाधित:चमोली में नंदप्रयाग के पास बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहाड़ी से हो रहे भूस्खलन की चपेट में आने से तीन विकासखंड को विद्युत सप्लाई देने वाली 66 केबी हाइटेंशन लाइन का टावर क्षतिग्रस्त हो गया है. जिसके कारण दशोली विकासखंड स्थित जिला मुख्यालय गोपेश्वर, विकासखंड नंदानगर, विकासखंड जोशीमठ की विद्युत सप्लाई बीते 48 घंटों से अधिक समय से बाधित है. विद्युत आपूर्ति न होने से बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
चमोली में तीन दिन से बिजली आपूर्ति ठप. विद्युत विभाग चमोली में तैनात सहायक अभियंता अंकित नेगी ने बताया क्षतिग्रस्त 66 केबी विद्युत लाइन को दुरस्त करने का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है. लाइन को ठीक करने के लिए 6 से अधिक टीमें कार्य कर रही हैं. जब तक 66 केबी लाइन का क्षतिग्रस्त टावर बनकर तैयार नहीं हो जाता तब तक वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर सिमली सब स्टेशन से विद्युत सप्लाई देने का प्रयास किया जा रहा है.
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अधिशासी अभियंता को स्थाननीय लोगों ने कमरे में किया बंद:श्रीनगर नगर निगम क्षेत्र के श्रीकोट में भी पिछले पांच दिनों से लाइट नहीं है. जिसके कारण आज स्थानीय लोगों का पारा चढ़ गया. लाइट ठीक करने पहुंचे अधिशासी अभियंता, एसडीओ सहित विद्युत विभाग के कर्मचारियों को लोगो ने एक होटल के कमरे में बंद कर दिया. पुलिस और तहसीलदार श्रीनगर के हस्तक्षेप के बाद कही जाकर स्थानीय लोगों ने विद्युत विभाग के कर्मचारियों को छोड़ा.