देहरादूनः90 के दशक में देहरादून से लेकर विकासनगर तक अगल-अलग क्षेत्रों में गोल्डन फॉरेस्ट ग्रुप द्वारा अवैध तरीके से कब्जाई गयी तकरीबन 486 हेक्टेयर जमीन को उत्तराखंड सरकार ने निहित करने का फैसला लिया है. गोल्डन फॉरेस्ट की इस जमीन पर गरीबों के लिए आवास सरकारी कार्यालय के अलावा तमाम तरह के उद्योग लगाने की योजना बनाई गई है.
गोल्डन फॉरेस्ट ग्रुप द्वारा कब्जा की गई जमीन आएगी सरकार के काम. बता दें की 90 दशक में गोल्डन फॉरेस्ट ग्रुप ने देहरादून के अविकसित ग्रामीण क्षेत्रों सहित विकासनगर तहसील में भी जमीनों की खुर्द-बुर्द कर अवैध तरीके से कब्जा कर लिया और अवैध तरीके से कम दामों में सैकड़ों हेक्टेयर जमीन भेजी गई, लेकिन समय बदलते ही अब इन क्षेत्रों में विकास पहुंच चुका है और समय के साथ यहां आबादी बस चुकी है.
पढे-गौला और नंधौर नदी में देर से खुलेगा चुगान, व्यवसायियों में मायूसी
लेकिन आज भी यह जमीन कई जगह खाली पड़ी है जिन पर उत्तराखंड सरकार द्वारा जांच कराई और गोल्डन फॉरेस्ट का यह फर्जीवाड़ा पकड़ा गया. जिसके बाद राजस्व विभाग द्वारा इन जमीनों का चिन्हिकरण किया गया. इन्हें राज्य सरकार में निहित करने का प्रस्ताव लाया गया है. जिस को अब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने हरी झंडी दे दी है.
किस विभाग को कितनी जमीन की जाएगी आवंटित
| जमीन हेक्टेयर में | विभाग | इलाके |
1 | 29.789 | सिंचाई विभाग | शीशम बाड़ा, शेरपुर, फतेहपुर, मिर्जापुर उर्फ एव मंडी गंगभेवा |
2 | 49.706 | औद्योगिक विकास | )- बैरागीवाला, जस्सेवाला, लाखनवाला, ढकरानी, तिमली, मानसिंह एवं भैसवाड़ा |
3 | 22.519 | आवास विभाग | ईस्ट होप टाउन, सेंट्रल हॉप टाउन, रामपुर कला, सिद्धोंवाला, चांगल, गुजराड़ा मानसिंह |
4 | 9.6851 | सरकारी कार्यालय | आमवाला तरला, आमवाला उपराला, चक डांडा लाखोंड मयचक |
5 | 342.688 | ग्रामसभा विकास | ग्राम सभाओं के सुनियोजित विकास और सामुदायिक सुविधाओं के लिए जमींदारी भूमि विनाश अधिनियम की धारा 117 के तहत ग्राम सभाओं में निहित। |