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देहरादून: सरकारी जमीन को अपना बताकर सेना के पूर्व अधिकारी से 35 लाख की ठगी

देहरादून के मसूरी में सेना के पूर्व ऑफिसर से सरकारी जमीन बेचने के नाम पर 35 लाख ठगी करने का मामला सामने आया है. सेना के पूर्व ऑफिसर की तहरीर पर आरोपी परिवार के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.

Dehradun land fraud
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Published : Apr 3, 2021, 3:08 PM IST

Updated : Apr 4, 2021, 8:03 PM IST

देहरादून: सरकारी जमीन को अपना बताकर खरीद-फरोख्त करने मामले में सेना के पूर्व ऑफिसर से 35 लाख रुपए ठगने का मामला सामने आया है. मामले में शिकायतकर्ता परमवीर की तहरीर पर हरियाणा के एक परिवार के 3 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. वहीं, इस मामलें में सबसे बड़ी हैरानी की बात यह है कि सरकारी जमीन खरीद-फरोख्त के एवज में लाखों रुपए के लेन देन की जिला प्रशासन को खबर तक नहीं है.

सरकारी जमीन को अपना बताकर सेना के पूर्व अधिकारी से 35 लाख की ठगी.

पुलिस के मुताबिक आरोपित लोगों के खिलाफ काफी दिनों जांच चल रही थी, लेकिन बार-बार नोटिस के बावजूद पुलिस के समक्ष जांच में सहयोग न करने के चलते आरोपित परिवार की महिला और उनके दो बेटों के खिलाफ धारा 420, 406 और जान से मारने की धमकी IPC 506 जैसे संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. आरोपित लोगों की नेचर क्वेस्ट नाम कम्पनी बतायी जा रही जो देहरादून हरियाणा और मुंबई से संचालित है. पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि सरकारी पक्ष की विवादित जमीन पर धोखाधड़ी करने वाले आरोपित लोगों के खिलाफ हरियाणा मुंबई में भी मुकदमे दर्ज हैं.

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नेचर क्वेस्ट कम्पनी के इन लोगों के खिलाफ जमीन फर्जीवाड़े में मुकदमा दर्ज

  • कंचनवली पत्नी स्वर्गीय सुभाष वली
  • साकेत वली (बेटा)
  • समीर वली (बेटा)

सरकारी जमीन के एवज में 35 लाख रुपये बकायदा बैंक ट्रांजैक्शन के जरिए ठगे

मसूरी के सर्कल ऑफिसर नरेंद्र पंत के मुताबिक मिसरपट्टी ढाकपट्टी इलाके में 20 बीघा से अधिक विवादित जमीन का मामला जानकारी में सामने आया था. शिकायतकर्ता के मुताबिक आरोपित लोगों ने इस सरकारी जमीन को अपना बताकर उसे बेचने के लिए 15 लाख रुपए प्रति बीघा के हिसाब से प्रॉपर्टी के कुछ हिस्से का डेढ़ करोड़ में सौदा तय किया. शिकायतकर्ता परमवीर मुताबिक आरोपित ने लोगों एडवांस 35 लाख रुपए भी ले लिए.

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इतना ही नहीं एडवांस में दी गई रकम बकायदा बैंक अकाउंट और आरटीजीएस द्वारा भुगतान की गई है. वहीं, कुछ समय के बाद जांच पड़ताल में पता चला कि भूमि पर कोर्ट केस होने के चलते सरकार के पक्ष में है. जब इस धोखाधड़ी का पता शिकायतकर्ता को पता चला तो उसके बाद आरोपी लोगों से रुपए वापस मांगने की बात कही गई, लेकिन आरोपियों ने जान से मारने की धमकी देकर रुपए वापस करने से साफ मना कर दिया.

इधर, इस मामले पुलिस शिकायत के बावजूद जांच पड़ताल में सहयोग न करने के चलते मसूरी कोतवाली पुलिस ने सरकारी भूमि के एवज में लाखों की धोखाधड़ी करने वाले आरोपित महिला कंचन वली सहित उनके दो पुत्रों साकेत वली व समीर वली के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया हैं.

सरकारी जमीन धोखाधड़ी मामले में जिला प्रशासन बेखबर

उधर, सरकारी भूमि को अपना बताकर सेना के पूर्व अधिकारी से लाखों रुपए की ठगी करने वाले मामले में जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव का कहना है कि इस बारे में उनके पास कोई जानकारी नहीं है. अगर पुलिस व अन्य तरह से उनके पास कोई शिकायत पत्र आता है तो इस मामले आरोपियों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.

Last Updated : Apr 4, 2021, 8:03 PM IST

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