देहरादून: उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने तृतीय चरण में ट्रैकिंग ट्रक्शन सेंटर होम-स्टे नियमावली-2020 के प्राविधानों के तहत 32 गांवों के पात्र व्यक्तियों को योजना का लाभ प्रदान किए जाने के लिए अधिसूचित किया है. चयनित आवेदकों को अटैच्ड टॉयलेट सहित नये कक्षों के निमार्ण के लिए प्रति रूम 60 हजार रुपये और पहले से निर्मित रूम के साज-सज्जा के लिए 25 हजार रुपये अधिकतम 6 कक्ष तक की सहायता प्रदान की जाएगी.
बता दें कि, योजना का लाभ प्रदान किये जाने के लिए जनपद टिहरी के चयनित ट्रैकिंग ट्रक्शन सेंटर घुत्तू, बुड़ाकेदार व पंतवाड़ी के अंतर्गत ग्राम रीचक, गंगी, पुजार, सेंदवाल, चैत्वाण, जोगीयाड़ा, भाटगांव, अकवा, मल्ला गवणा, तत्लागवणा, बुड़केदार, कोटी, पिंस्वाड़, पंतवाड़ी बांडासारी, तेवा, औतंड व देवलसारी, जनपद पिथौरागढ़ के ट्रैकिंग ट्रक्शन सेंटर दर व पांगू, नांगलिंग, सौन, डाकर, दुग्तू, पांगू, बूंदी, गूंजी, कुटी, जनपद चमोली के ट्रैकिंग ट्रक्शन सेंटर तपोवन के अंतर्गत तपोवन, रिंगी, सुभाई, सलधार एवं जनपद रुद्रप्रयाग के ट्रैकिंग ट्रक्शन सेंटर सारी के अंतर्गत दिलमी, दैड़ा मस्तूरा गांवों को योजना का लाभ प्रदान करने के लिए अधिसूचित किया गया है.
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि ट्रैकिंग ट्रक्शन सेंटर होम-स्टे योजना का उद्देश्य ट्रैकिंग टूरिज्म की संभावनाओं वाले दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटकों के लिए आवासीय सुविधाएं स्थापित करना है. ताकि राज्य में साहसिक पर्यटन को नई ऊंचाइयां प्रदान किया जा सके. उन्होंने कहा कि राजकीय सहायता देकर सरकार स्थानीय लोगों को सशक्त कर रही है, ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सके. साथ ही पलायन को रोकने और ग्रामीण क्षेत्रों को पर्यटन के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह योजना कारगर सिद्ध होगी.