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30% हेल्थ केयर वर्कर्स कोरोना वैक्सीन से बना रहे दूरी, कैसे होगा लक्ष्य पूरा ? - Uttarakhand Health Department

कोरोना वैक्सीन को लेकर हो रही राजनीति और स्वास्थ्यकर्मियों में खौफ की वजह से लोगों में भ्रम की स्थिति है. हालांकि, सरकार, स्वास्थ्य महकमा और डॉक्टरों का कहना है कि यह टीका पूरी तरह से सुरक्षित है. इसके बावजूद हेल्थ केयर वर्कर्स वैक्सीनेशन से बच रहे हैं.

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कैसे होगा लक्ष्य पूरा?

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Published : Jan 22, 2021, 6:56 PM IST

Updated : Jan 23, 2021, 4:38 PM IST

देहरादून: साल 2020 को अगर कोरोना त्रासदी का वर्ष कहा जाए तो इसमें कोई दो राय नहीं होगी. दुनिया के साथ-साथ भारत में भी कोरोना ने जमकर कहर मचाया. देश में जहां कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 1 करोड़ 5 लाख को पार कर चुका है. वहीं, डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों की इससे जान चली गई. ऐसे में देश-दुनिया को कोविड-19 वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार था.

वैक्सीनेशन को लेकर भ्रम

वहीं, भारत में 16 जनवरी 2021 से कोविड टीकाकरण की शुरूआत हो गई है, लेकिन इस वैक्सीन को लेकर कई लोगों को भ्रम है. लोगों को लग रहा है कि वैक्सीनेशन के बाद उन्हें कहीं दूसरी परेशानी से ना जूझना पड़े. हालांकि, केंद्र और राज्य सरकार वैक्सीन को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम को खारिज कर रहे हैं, लेकिन अभी भी आम लोगों के साथ कई स्वास्थ्यकर्मियों के मन में इसके इस्तेमाल को लेकर खौफ है.

30% हेल्थ केयर वर्कर्स कोरोना वैक्सीन से बना रहे दूरी.

उत्तराखंड वैक्सीनेशन में लक्ष्य से दूर

उत्तराखंड सरकार और स्वास्थ्य महकमा भी वैक्सीनेशन को सफल बनाने में दिन-रात जुटे हुए है. सरकार के सामने लोगों के मन से वैक्सीन को लेकर भ्रम निकालना सबसे बड़ी चुनौती है. वहीं, वैक्सीनेशन के आंकड़ों ने स्वास्थ्य विभाग के सामने एक नई चिंता पैदा कर दी है. ये परेशानी वैक्सीन को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों में मौजूद डर की वजह से है. क्या है ये मामला और आंकड़ों ने कैसे बढ़ाई चिंता. जानिए इस खास रिपोर्ट में.

कोरोना वैक्सीन को लेकर बेरुखी.

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उत्तराखंड को 1,13,000 वैक्सीन डोज

केंद्र सरकार ने उत्तराखंड को पहले चरण में 1,13,000 वैक्सीन की डोज दी हैं. जबकि अतिरिक्त डोज के रूप में 92,500 डोज दी गई हैं. लेकिन केंद्र की तरफ से लगातार कोविशील्ड वैक्सीन भेजे जाने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग अपने उस लक्ष्य को पूरा नहीं कर पा रहा है, जो वैक्सीनेशन को लेकर तय किया गया था. दरअसल, राज्य में 34 वैक्सीनेशन के सेंटर बनाए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य था कि प्रत्येक सेंटर पर एक दिन में 100 लाभार्थियों को वैक्सीन लगाई जाए. इसके उलट आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं कि वैक्सीनेशन का काम किस तरह से बेहद कम लाभार्थियों तक पहुंच पा रहा है.

हर जिले में कोविड वैक्सीनेशन सेंटर

उत्तराखंड में हर जिले में कई कोरोना वैक्सीनेशन सेंटर बनाए गए हैं, जहां हर सेंटर पर प्रतिदिन 100 लाभार्थियों के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है. लेकिन आंकड़ों पर नजर डालें तो स्वास्थ्य विभाग टीकाकरण मामले में अभी अपने लक्ष्य से दूर है. किसी भी सेंटर पर 100 का आंकड़ा पूरा नहीं हुआ है. उत्तराखंड में भी 16 जनवरी से वैक्सीनेशन का काम जारी है. अब तक कुल 8,206 हेल्थ केयर वर्कर्स का वैक्सीनेशन किया गया है. वैसे आपको बता दें कि 16 जनवरी को प्रदेश में पहले ही दिन केवल 70 फीसदी लाभार्थियों का टीकाकरण किया गया.

पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण

पहले चरण में उत्तराखंड के हेल्थ केयर वर्कर्स को वैक्सीन दी जा रही है. ताकि आम लोगों को वैक्सीन पर भरोसा हो सके. लेकिन परेशानी की बात यह है कि हेल्थ केयर वर्कर्स ही वैक्सीनेशन से दूरी बना रहे हैं. बताया गया कि करीब 20 से 30% हेल्थ केयर वर्कर्स वैक्सीन से दूरी बना रहे हैं. हालांकि इन सभी का वैक्सीनेशन से दूरी बनाने का कारण महज डर ही नहीं है, बल्कि कोरोना पॉजिटिव होना, प्रेग्नेंट हेल्थ वर्कर, शहर से बाहर होना, चिन्हित व्यक्ति का कई बीमारियों से ग्रसित होना भी कारण है. हालांकि इसके बावजूद यह कहने में भी कोई गुरेज नहीं होना चाहिए कि कई हेल्थ केयर वर्कर्स वैक्सीन को लेकर भ्रम होने के कारण वैक्सीनेशन नहीं करवा रहे हैं.

हेल्थ केयर वर्कर्स की वैक्सीन से दूरी

वैसे वैक्सीनेशन से दूरी बनाने वाले हेल्थ केयर वर्कर्स ज्यादातर वार्ड बॉय, सफाई कर्मचारी जैसे नॉन टेक्निकल लोग हैं. डॉ. नारायण जीत सिंह कहते हैं कि चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ और फार्मेसिस्ट ज्यादातर इस वैक्सीन को लगवा रहे हैं. चिकित्सक का कहना है कि यह वैक्सीन काफी अनुसंधान के बाद बनाई गई है. ऐसे में इससे डरने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है और इसीलिए सबसे पहले चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ वैक्सीन लगवा रहे हैं. ताकि वैक्सीन को लेकर भ्रम ना रहे.

स्वास्थ्य विभाग करेगा काउंसलिंग

स्वास्थ्य विभाग फिलहाल ऐसे लोगों की काउंसलिंग करने पर भी विचार कर रहा है. साथ ही वैक्सीनेशन से दूर रहने वाले हेल्थ केयर वर्कर्स को अलग से ब्रीफ भी किया जा रहा है. लेकिन सवाल यह है कि जब हेल्थ केयर वर्कर्स ही वैक्सीन को लेकर भ्रमित हैं तो आम लोगों को समझाने में सरकार और स्वास्थ्य विभाग को कितनी मशक्कत करनी पड़ेगी. यह आसानी से समझा जा सकता है.

Last Updated : Jan 23, 2021, 4:38 PM IST

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