देहरादून: उत्तराखंड के मैदानी जिलों से लेकर पहाड़ी जनपद तक लगातार सड़कों पर बढ़ रहे ट्रैफिक को लेकर यातायात निदेशालय संसाधनों को बढ़ाने की कवायद में जुटा है. इसी क्रम में उत्तराखंड यातायात निदेशालय द्वारा पहली बार राज्य में 28 हाईटेक ऑटोमेटिक ट्रैफिक लाइट की खरीदारी की गई है.
ये हाईटेक ऑटोमेटिक ट्रैफिक लाइट राज्य के 24 मैदानी स्थानों और चार पहाड़ी जनपदों क्षेत्रों में स्थापित किए गए है. इन ट्रैफिक लाइटों का पूरा रखरखाव या यातायात निदेशालय द्वारा किया जाएगा. जबकि इससे पूर्व राज्य में ट्रैफिक लाइट को खरीदने के साथ ही उनके संचालन का कार्य अन्य विभागों द्वारा किया जाता था. ऐसे में कई तरह की शिकायतें सामने आ रही थी. जिसको देखते हुए पहली बार यातायात निदेशालय द्वारा स्थापित की गई हाईटेक ऑटोमेटिक ट्रैफिक लाइटों को खरीदकर उनको स्थापित किया गया है.
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इन 28 ऑटोमेटिक ट्रैफिक लाइट में कई तरह की आधुनिक विशेषताएं हैं, जिसमें सोलर सिस्टम से चार्ज होने के साथ आपातकाल वाहनों के लिए ऑटोमेटिक सिग्नल ग्रीन हो जाता है
हाईटेक ऑटोमेटिक ट्रैफिक लाइटों की विशेषताएं
- यह ट्रैफिक लाइटें हाइब्रिड है जो बिजली और सोलर से संचालित होती हैं.
- इनमें ऑटोमेटिक ट्रैफिक सिग्नल की विशेषता है.
- अलग-अलग यातायात प्रवाह के हिसाब से इनका समय निर्धारण किया जा सकता है.
- इनको मैनुअल तरीके से भी संचालित किया जा सकता है.
- इन हाईटेक ट्रैफिक लाइट में Hurry call का विकल्प होता है, जिसके माध्यम से जिस दिशा में आपातकालीन वाहन आ रहे हो, उनके लिए ग्रीन सिग्नल हो जाता है.
- रात 10 बजे से सुबह 6:00 बजे के बीच यह हाईटेक ट्रैफिक लाइट Automatic Blinker mode में आ जाएगा. इसके अलावा इनको समय और यातायात के हिसाब से भी इसे मोड पर निर्धारित किया जा सकता है.
- हाईटेक ट्रैफिक लाइटों में 24 वोल्ट का करंट होने के कारण किसी दुर्घटना में नुकसान नहीं होगा.
- ट्रैफिक चौराहों पर पैदल यात्रियों के लिए इसमें अलग से सिग्नल दिया गया है, जो ऑटोमेटिक सिग्नल देकर जेब्रा क्रॉस की तर्ज पर काम करेगा.