मसूरी: उत्तराखंड राज्य आंदोलन के इतिहास में कई ऐसे काले अध्याय भी है जिन्हें याद करके आज भी मसूरी वासियों के शरीर में सिहरन दौड़ जाती है. दो सितंबर 1994 का वो दिन शायद ही पहाड़ों की रानी मसूरी कभी भूल पाए. इसी दिन पुलिस और पीएसी ने राज्य आंदोलनकारियों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर थी. जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी. मसूरी गोलीकांड की 25वीं बरसी पर सोमवार को शहर वासियों ने उन शहीदों को श्रद्धांजलि दी और उन्हें याद किया.
1994 में अलग पहाड़ी राज्य की मांग को लेकर प्रदेशभर में आंदोलन हो रहे थे. दो सितंबर 1994 में मसूरी में हंसा धनाई, बेलमती चौहान, बलवीर नेगी, रायसिंह बंगाली, मदन सिंह मंगाई और धनपत सिंह ने अलग राज्य के लिए अपनी जान दे दी थी.
मसूरी गोलीकांड की 25 वीं वर्षगांठ पर मसूरी शहीद स्थल पर सर्व धर्म प्रार्थना सभा का आयोजन कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई. वहीं संस्कृतिक विभाग ने कई दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया. जिसमें लोक गायक जितेंद्र पवार ने शहीदों पर आधारित गीत प्रस्तुत कर किए. जिसे सुन कर सभी की आंखें नम हो गई.
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कार्यक्रम में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और नैनीताल सांसद अजय भट्ट, मसूरी विधायक गणेश जोशी, उत्तराखंड क्रांति दल के नेता काशी सिंह ऐरी, धनोल्टी विधायक प्रीतम पंवार और पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला समेत कई गनमानय मौजूद रहे. हालांकि इस कार्यक्रम में सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को आना था, लेकिन वो नहीं पहुंचे पाए.