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मसूरी: सर जॉर्ज एवरेस्ट की 231वीं जयंती भूल गया पर्यटन विभाग

भारत के प्रथम सर्वेयर जनरल सर जॉर्ज एवरेस्ट की आज 231वीं जयंती है. मसूरी के मशहूर इतिहासकार गोपाल भारद्वाज और उनसे साथियों ने सर जॉर्ज एवरेस्ट हाउस पर पुष्पमाला चढ़ाकर मनाया. जबकि पर्यटन विभाग सर जॉर्ज एवरेस्ट के जन्मदिवस को भूल गई है. जिसको लेकर गोपाल भारद्वाज ने नाराजगी व्यक्त की है.

Sir George Everest
सर जॉर्ज एवरेस्ट

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Published : Jul 4, 2022, 8:07 PM IST

Updated : Jul 4, 2022, 8:24 PM IST

मसूरी:पहाड़ों की रानी मसूरी में सर जॉर्ज एवरेस्ट का 231वां जन्मदिन जॉर्ज एवरेस्ट हाउस पर मशहूर इतिहासकार गोपाल भारद्वाज एवं उनके कुछ साथियों ने मनाया, जबकि पर्यटन विभाग उनके जन्मदिन को भूल गया. पर्यटन विभाग ने करीब 23 करोड़ की लागत से सर जॉर्ज एवरेस्ट हाउस और आसपास क्षेत्र का सौंदर्यीकरण एवं पुनर्निर्माण किया जा रहा है. लेकिन पर्यटन विभाग और प्रदेश सरकार सर जॉर्ज एवरेस्ट के जन्मदिवस को भूल गई है, जिसको लेकर मशहूर इतिहासकार गोपाल भारद्वाज ने नाराजगी व्यक्त की है.

जॉर्ज एवरेस्ट हाउस के जीर्णोद्धार का काम कर रही कंपनी और गोपाल भारद्वाज ने एवरेस्ट हाउस के आसपास पौधरोपण भी किया. गोपाल भारद्वाज ने बताया कि सर जॉर्ज एवरेस्ट वेल्स सर्वेक्षक थे. इसके साथ ही वह साल 1830 से 1843 तक भारत के सर्वेयर जनरल रहे. सर जॉर्ज एवरेस्ट के नाम पर दुनिया की सबसे ऊंची चोटी का नाम पड़ा है. जॉर्ज एवरेस्ट वेल्स ने 1832 से 1843 के बीच भारत की कई ऊंची चोटियों की खोज हुई और उन्हें मानचित्र पर उकेरा. मसूरी में ही ब्रिटिश काल के महान सर्वेयर सर जॉर्ज एवरेस्ट ने माउंट एवरेस्ट की खोज कर उसे मानचित्र में उकेरा था और आज भी उसकी यादें मसूरी में ताजा हैं.

सर जॉर्ज एवरेस्ट की 231वीं जयंती

भारत के प्रथम सर्वेयर जनरल सर जॉर्ज एवरेस्ट की 231वीं जयंती है. रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी ने साल 1848 में उनका यह सम्मान उनके सर्वे में योगदान के लिए दिया था. यह सर्वेक्षण 1806 में विलियम लैंबटन द्वारा शुरू किया और यह कई दशकों तक चलता गया. उन्होंने बताया कि सर जॉर्ज एवरेस्ट ने मसूरी स्थित जॉर्ज एवरेस्ट हाउस में रहकर आसपास के क्षेत्र का सर्वेक्षण किया गया था, जिनके जन्मदिन को पिछले कई सालों से उत्तराखंड पर्यटन विभाग धूमधाम से मनाता आया है. लेकिन इस बार जॉर्ज एवरेस्ट हाउस के जीर्णोद्धार के बाद भी उनका जन्मदिन नहीं मनाया जा रहा हैं.

एवरेस्ट चोटी की खोज करने वाले सर जॉर्ज एवरेस्ट का घर और प्रयोगशाला मसूरी में पार्क रोड पर स्थित है, जो गांधी चौक से लगभग 6 किमी दूर है. सर जॉर्ज का घर और प्रयोगशाला 1832 में बनाया गया था. उनका आशियाना ऐसी जगह पर बना है जहां से दून घाटी, अलगाड़ नदी और हिमालय का नैसर्गिक सौन्दर्य दिखाई देता है. सर जॉर्ज एवरेस्ट के पास ग्रेट ट्रिगोनोमेट्रिकल सर्वे के सुपरिटेंडेंट का भी दायित्व था, जिसे उन्होंने जिस एक्यूरेसी के साथ अंजाम दिया, आज भी उसकी मिसाल दी जाती है. वहीं सर जॉर्ज एवरेस्ट का यह घर अब आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की देखरेख में है.
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जॉर्ज एवरेस्ट हाउस का कायाकल्प:सर जॉर्ज एवरेस्ट हाउस का कायाकल्प किया जा रहा है. राज्य सरकार को सर जॉर्ज एवरेस्ट हाउस को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित कर रही है. मसूरी में हाथीपांव पार्क रोड क्षेत्र में 172 एकड़ में बने सर जॉर्ज एवरेस्ट हाउस (आवासीय परिसर) और इससे लगभग 50 मीटर दूरी पर स्थित प्रयोगशाला (ऑब्जर्वेटरी) का जीर्णाोद्धार का कार्य पूरा हो गया है.

उत्तराखंड पर्यटन संरचना विकास निवेश कार्यक्रम के तहत एशियन डेवलपमेंट बैंक द्वारा वित्त पोषित योजना द्वारा सर जॉर्ज एवरेस्ट हेरिटेज पार्क का जीर्णोद्वार कराया जा रहा है, जिसकी लागत 23.70 करोड़ है. जीर्णोद्धार का काम अरुण कंस्ट्रक्शन कंपनी को सौंपा गया है. इसका लोकर्पण पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने किया है. एवरेस्ट हाउस के आसपास के क्षेत्र को विकसित किया जा रहा है. जॉर्ज एवरेस्ट हाउस को नये स्वरूप देने के के साथ कार्टोग्राफिक म्यूजियम, आउट हाउस, बैचलर हाउस, ऑब्जर्वेटरी, स्टार गेजिंग हटस, स्टार गेजिंग डोमस, ओपन एयर थिएटर, पोर्टेबल टॉयलेट, पोर्टेबल फूड वैन, जॉर्ज एवरेस्ट पीक के लिये ट्रैक रूट रिन्यूवेशन भी बनाया जा रहा है.

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अरुण कंस्ट्रक्शन कंपनी के इंजीनियर कुलदीप शर्मा ने बताया कि सर जॉर्ज एवरेस्ट हाउस का मूल स्वरूप को बरकरार रखते हुए एक बड़ा और छोटा म्यूजियम बनाया जा रहा है, जिसमें सर जॉर्ज से जुड़े इतिहास के साथ रिसर्च में इस्तेमाल हुए सामानों को भी प्रदर्शित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि जॉर्ज एवरेस्ट हाउस के निर्माण के साथ पार्किंग व अन्य मूलभूत सुविधाओं का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है. वहीं, मुख्य मार्ग से सर जॉर्ज एवरेस्ट हाउस को जाने वाली सड़क का भी पुनर्निर्माण किया जा चुका है.

सर जॉर्ज एवरेस्ट हाउस का मूल स्वरूप को बरकरार रखते हुए अंग्रेजों की तर्ज पर सीमेंट की जगह चक्की में पीस कर बनाए गए मिश्रण से जॉर्ज एवरेस्ट हाउस का पुनर्निर्माण किया गया है. चक्की में चूना, सुर्खी, मेथी और उड़द की दाल को पानी के साथ पीसकर सीमेंट जैसा लेप बनाया जा रहा है, जिससे ईंटों को चिपकाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि सर जॉर्ज एवरेस्ट हाउस के निर्माण के लिए विशेष लाहौरी ईंट से बनाया गया.

Last Updated : Jul 4, 2022, 8:24 PM IST

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