देहरादून:उत्तराखंड राज्य में विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते आपदा जैसे हालात बनना आम बात है. मगर मॉनसून सीजन के दौरान ये स्थितियां और विपरीत हो जाती हैं. जिससे प्रदेश में न सिर्फ जान- माल की क्षति होती है. बल्कि हर साल कई किमी सड़कें बर्बाद हो जाती हैं. इस मॉनसून सीजन के दौरान अभी तक करीब 2 हजार से अधिक सड़कें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं. जिसके चलते करोड़ों के राजस्व का नुकसान हो चुका है.
मॉनसून सीजन में 2,065 सड़कें हुई क्षतिग्रस्त. पीडब्लूडी के प्रमुख अभियंता हरिओम शर्मा ने बताया कि मॉनसून सीजन शुरू होने के बाद से अभी तक 2,065 सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं. इन क्षतिग्रस्त सड़कों में से अभी फिलहाल 102 सड़कें ऐसी हैं. जिन्हें खोलना बाकी हैं. जिसमें मुख्य रूप से अगर एनएच की बात की जाए तो लामबगड़ और तोताघाटी एनएच मार्ग अभी भी बंद है.
जानकारी देते पीडब्लूडी के प्रमुख अभियंता हरिओम शर्मा. पढ़ें- रामनगर: क्यारी खाम में बसा है तितलियों का संसार, त्यार में पर्यटकों की धूम
तोताघाटी मार्ग के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा यहां अभी भी कटिंग का काम चल रहा है. इस क्षेत्र में बिना यातायात रोके काम नहीं किया जा सकता है. हालांकि इसके लिए प्रशासन से भी अनुमति ली जा चुकी है. जब तक काम पूरा नहीं हो जाता, जब तक यातायात मार्ग को नहीं खोला जाएगा.
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शर्मा ने बताया कि इस मॉनसून सीजन के दौरान करोड़ों रुपए का नुकसान हो चुका है. करीब 30 करोड़ रुपये तो सीजन के शुरुआत में ही लग गए थे. इससे अलग 140 करोड़ रुपए इन सड़कों की मरम्मत में खर्च होने हैं. लिहाजा कुल मिलाकर करीब 170 करोड़ रुपए के नुकसान का आकलन किया क्या है. यही नहीं, पर्वतीय क्षेत्रों अक्सर सड़कें बंद हो जाती हैं जिन्हें खोलना हमेशा से ही चुनौती भरा रहा है. इस में भी काफी खर्च आता है.
अभी तक क्षतिग्रस्त हो चुकी सड़कें
- लोक निर्माण विभाग की 1469 सड़कें हो चुकी हैं क्षतिग्रस्त.
- एडीबी की 18 सड़कें हो चुकी हैं क्षतिग्रस्त.
- एनएच की 16 सड़कें हो चुकी हैं क्षतिग्रस्त.
- पीएमजीएसवाई की 562 सड़कें हो चुकी हैं क्षतिग्रस्त.