देहरादूनः राजधानी देहरादून के कई पर्यावरण प्रेमियों में इन दिनों एक अजीब सी बेचैनी है. डर उस विशाल वृक्ष को खोने का है, जिसके लिए पिछले कई दिनों से यह लोग सोशल प्लेटफार्म पर अभियान छेड़े हुए हैं. दरअसल, बात देहरादून के डिफेंस कॉलोनी स्थित उस पीपल के पेड़ की है, जिसे वन विभाग काटने की मंजूरी देने जा रहा है. लेकिन, पर्यावरण प्रेमी पीपल के पेड़ पर आरियां नहीं चलने देना चाहते हैं और इसके लिए इन्होंने इस वृक्ष को ट्रांसप्लांट करने की कोशिशें शुरू कर दी हैं.
देहरादून के डिफेंस कॉलोनी स्थित 200 साल पुराने पीपल के पेड़ को जीवित रहने के लिए इंसानों से आर्थिक मदद की दरकार है. दरअसल, वृक्ष को वन विभाग निजी भूमि में होने के कारण काटने की मंजूरी देने जा रहा है. जैसे ही यह खबर सोशल मीडिया पर आई और इस वृक्ष के महत्व को बयां किया गया, वैसे ही पर्यावरण प्रेमियों ने इस वृक्ष को बचाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं.द अर्थ एंड क्लाइमेट इनीशिएटिव संगठन की तरफ से पीपल के पेड़ को ट्रांसप्लांट करने का प्लान तैयार किया गया है. इसके लिए हैदराबाद की वटा फाउंडेशन (Vata Foundation Hyderabad) का सहयोग लिया जा रहा है.
ये भी पढ़ेंः पीपल के इस पेड़ के नीचे स्वामी विवेकानंद ने लगाया था ध्यान, अब हल्द्वानी में है संरक्षित
द अर्थ एंड क्लाइमेट इनीशिएटिव संस्थाः द अर्थ एंड क्लाइमेट इनीशिएटिव संगठन की तरफ से अब तक 4 वृक्षों के ट्रांसप्लांट का काम किया गया है. उधर हैदराबाद की वटा फाउंडेशन भी अब तक 3 हजार पेड़ ट्रांसप्लांट कर चुकी है. द अर्थ एंड क्लाइमेट इनीशिएटिव संगठन की फाउंडर डॉ. आंचल शर्मा का कहना है कि उनके और उनके साथियों की तरफ से स्थानीय लोगों की मदद से आर्थिक मदद जुटाई जा रही है. उन्होंने अपील की कि लोग पीपल के पेड़ को बचाने के लिए आगे आएं और इस काम में मदद करें.
200 साल पुराना है पीपल का पेड़ः संगठन का कहना है कि यह वृक्ष करीब 200 साल पुराना है और 40 फीट ऊंचे इस पेड़ को शिफ्ट करने के लिए कई मशीनों और मजदूरों की जरूरत होगी. इसके लिए जेसीबी, पोकलैंड और ट्राइलर जैसी मशीनों का उपयोग किया जाएगा. यही नहीं, इस वृक्ष के पास लगे पोल को नुकसान ना पहुंचे इसके लिए ऊर्जा विभाग से भी मदद की दरकार होगी. फिलहाल इस वृक्ष को ट्रांसप्लांट करने के लिए पास में ही करीब 200 मीटर पर एक जगह को चिन्हित कर लिया गया है. उधर सोशल प्लेटफॉर्म से लोगों से मांगी जा रही मदद के जरिए अब तक 17 हजार रुपए जुटाए जा चुके हैं. हालांकि, इस के लिए 2 लाख रुपए की जरूरत है.
ये भी पढ़ेंः रोड चौड़ीकरण के बीच में आ रहा 50 साल पुराना पीपल का पेड़ किया ट्रांसप्लांट