डोईवाला: कोरोना की मार हर जगह पड़ी है. बड़े उद्योगों के साथ-साथ छोटे और कुटीर उघोग पर भी लॉकडाउन के चलते खासा असर पड़ा है. कई छोटे उद्योगों को बंदी की कगार है. हालांकि, कोरोना काल में उद्योगों को उबारने के लिए केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपए की आर्थिक पैकेज की घोषणा की है. सरकार के इस पैकेज का सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योगों को कितना लाभ मिलेगा इसी को लेकर ईटीवी भारत ने रिपोर्ट ने कुछ लघु और कुटीर उद्योग के संचालकों से बातचीत की है.
लघु उद्योगों संचालकों को बंधी आस. आर्थिक पैकेज के पहले चरण के विवरण केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो पेश किया है, उसके हिसाब से करीब छह लाख करोड़ रुपए की राहत का रास्ता साफ हुआ है. यह अलग-अलग सेक्टरों के लिए है, लेकिन इससे सबसे अधिक राहत सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योगों यानी एमएसएमई को मिलेगा.
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केंद्र की तरफ से जारी किए गए राहत पैकेज को डोईवाला रेशम माजरी के लघु उद्योग के संचालक और मिलिट्री इक्विपमेंट नाम से फौजियों के वस्त्रों को बनाने वाले विनोद पाल ने स्वागत योग्य बताया है. उन्होंने सरकार के इस कदम का अच्छा बताया है, लेकिन लघु और कुटीर उद्योगों को किस तरीके से लागू किया जाएगा और कितनी मदद की जाएगी यह अभी स्पष्ट नहीं है.
विनोद पाल ने कहा कि चार साल तक जो अमाउंट वापस करनी है उस पर कितना ब्याज लगेगा यह अभी स्पष्ट नहीं है. स्थिति स्पष्ट होने के बाद ही साफ हो पाएगा कि यह पैकेज लघु और कुटीर उद्योगों के लिए कितना मददगार साबित होगा. अगर उत्तराखंड की बात करें तो यहां हजारों की तादाद में लघु और कुटीर उद्योग हैं, जो इन्हीं उद्योगों से अपनी आजीविका और सैकड़ों लोगों को रोजगार मुहैया करा रहे हैं. हालांकि, इस उद्योगों को सरकार ने मदद देने की बात कही है, लेकिन ये किसी तरह मिलेगी ये स्पष्ट नहीं है.