देहरादूनः उत्तराखंड में पॉलिटेक्निक संस्थाओं में ऐसे कई विषय हैं, जिनमें अब छात्र कोई रुचि नहीं ले रहे हैं. कई विषय तो ऐसे हैं, जिनमें कुल सीट के 30% भी एडमिशन नहीं हो पा रहे हैं. जबकि कई विषय ऐसे हैं, जो पुराने हैं और अब रोजगार की दृष्टि से उपयोगी नहीं दिखाई देते. इन्हीं सभी बातों को ध्यान में रखते हुए तकनीकी शिक्षा विभाग की तरफ से इस पर बड़ा फैसला लिया गया है. अब इसमें बड़ा बदलाव करने का काम किया जा रहा है. जिसको लेकर विभागीय मंत्री सुबोध उनियाल ने भी मंजूरी दी है.
Uttarakhand Polytechnic Courses: पॉलिटेक्निक संस्थाओं में बंद होंगे 20 पाठ्यक्रम, जानिए कारण
उत्तराखंड में तकनीकी शिक्षा देने वाले पॉलिटेक्निक संस्थाओं को बेहतर करने के लिए एक बड़ा फैसला लिया गया है. इसके तहत 30% से कम एडमिशन वाले पाठ्यक्रमों को बंद करने की मंजूरी दी गई है. इसमें रोजगार की दृष्टि से असरदार न होने वाले विषयों को पाठ्यक्रमों से हटाया जाएगा.
दरअसल, अब रोजगार के लिहाज से बेहद डिमांड वाले विषयों को ही पॉलिटेक्निक के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा. उत्तराखंड में 30 फीसदी से कम एडमिशन वाली यह व्यवस्था 71 राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थाओं और एक सहायता प्राप्त पॉलिटेक्निक संस्था में लागू होगी. बता दें कि उत्तराखंड के 16 पॉलिटेक्निक संस्थाओं में 20 पाठ्यक्रमों को बंद करने और 22 संस्थाओं में 23 नए पाठ्यक्रम शामिल करने का प्रस्ताव दिया गया है. ऐसे में कई पाठ्यक्रम अब गैर जरूरी हो गए हैं. जिसे अब बंद कर दिया जाएगा. यानी अब पॉलिटेक्निक संस्थाओं में यह पाठ्यक्रम नहीं मिलेंगे.
ये भी पढ़ेंःयुवाओं के लिए अच्छी खबर, पॉलिटेक्निक छात्रों के लिए खुलेगा प्लेसमेंट सेल
वहीं, पॉलिटेक्निक संस्थाओं के शिक्षकों और कर्मचारियों की स्थिति के लिए भी विशेष प्लान बनाया गया है. जिसमें शिक्षकों को पाठ्यक्रम के लिहाज से समायोजित किया जाएगा. हालांकि, कोई भी नया पद सृजित न किए जाने का भी निर्णय लिया गया है. इस दौरान सभी पॉलिटेक्निक संस्थाओं में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए भी कार्य किए जाने का निर्देश दिए गए हैं. इसमें भवनों के निर्माण से लेकर इससे जुड़ी सड़कों के निर्माण तक को भी प्राथमिकता दी जाएगी.
ये भी पढ़ेंःपांच ठेकेदार भी नहीं बना पाए रिखणीखाल का पॉलीटेक्निक, 10 साल से है इंतजार