देहरादून:नए मोटर व्हीकल एक्ट 2019 के तहत भारी भरकम चालान का डर देहरादून के लोगों में इस कदर सिर चढ़ा है कि लोग अपने वाहनों का प्रदूषण जांच कराने के लिए आधी रात से सड़कों पर लाइन लगाकर जांच केंद्र के बाहर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. लोगों में सबसे बड़ा भ्रम सोशल मीडिया और कुछ समाचार पत्रों में प्रकाशित उस खबर से हुआ है, जिसमें बताया जा रहा है कि 30 सितंबर तक सभी वाहनों का प्रदूषण सर्टिफिकेट होना अनिवार्य है, जबकि यह खबर पूरी तरह निराधार है. ARTO अरविंद पांडे ने साफ तौर कहा है कि ऐसी तारीख की अनिवार्यता नहीं रखी गई है और न ही अभियान चलाया जा रहा है. जिसमें वाहनों की प्रदूषण को लेकर चेकिंग किया जाना हो.
एआरटीओ के मुताबिक, नए मोटर व्हीकल एक्ट 2019 के जो शासनादेश नहीं हुआ है. हालांकि, उसके जारी होने के बाद भी पर्याप्त समय जनता को दिया जाएगा. जिससे जनता अपने वाहनों के समस्त दस्तावेजों को तैयार कर सकें. वहीं, दूसरी तरफ सबसे बड़ी हैरानी का विषय यह है कि सड़कों पर बेहताशा धुंए का जहर सरेआम छोड़ने वाले ऑटो, विक्रम और बस जैसे व्यवसायिक वाहन प्रदूषण जांच केंद्रों के बाहर दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहे हैं.
रात दो बजे से लाइन में लगे लोग
प्रदूषण जांच केंद्रों के बाहर लाइन में लगे वाहन स्वामियों का कहना है कि वो लोग चालान के डर से रात 2 बजे से लाइन लगाकर प्रदूषण जांच कराने के लिए खड़े हैं. उनका कहा है कि सोशल मीडिया और समाचार पत्रों में इस तरह की खबर कुछ दिन पहले प्रकाशित की गई है. जिसमें बताया गया कि आगामी 30 सितंबर तक सभी दस्तावेजों को कंप्लीट करना अनिवार्य है.