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प्रदूषण जांच केंद्र में लगी लंबी कतारें, ARTO ने सर्टिफिकेशन डेडलाइन का किया खंडन

देहरादून शहरवाशियों में चालान का डर साफ देखने को मिल रहा है. लोग आधी रात से प्रदूषण जांच केंद्र के बाहर लाइन लगाकर खड़े हैं, तो वहीं एआरटीओ की ओर से कहा गया है कि लोग इतना परेशान न हों, लोगों दस्तावेज कंप्लीट कराने का पूरा समय दिया जाएगा.

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Published : Sep 15, 2019, 10:11 AM IST

Updated : Sep 15, 2019, 12:13 PM IST

देहरादून

देहरादून:नए मोटर व्हीकल एक्ट 2019 के तहत भारी भरकम चालान का डर देहरादून के लोगों में इस कदर सिर चढ़ा है कि लोग अपने वाहनों का प्रदूषण जांच कराने के लिए आधी रात से सड़कों पर लाइन लगाकर जांच केंद्र के बाहर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. लोगों में सबसे बड़ा भ्रम सोशल मीडिया और कुछ समाचार पत्रों में प्रकाशित उस खबर से हुआ है, जिसमें बताया जा रहा है कि 30 सितंबर तक सभी वाहनों का प्रदूषण सर्टिफिकेट होना अनिवार्य है, जबकि यह खबर पूरी तरह निराधार है. ARTO अरविंद पांडे ने साफ तौर कहा है कि ऐसी तारीख की अनिवार्यता नहीं रखी गई है और न ही अभियान चलाया जा रहा है. जिसमें वाहनों की प्रदूषण को लेकर चेकिंग किया जाना हो.

प्रदूषण जांच के लिए लोगों की लगी लंबी कतारें.

एआरटीओ के मुताबिक, नए मोटर व्हीकल एक्ट 2019 के जो शासनादेश नहीं हुआ है. हालांकि, उसके जारी होने के बाद भी पर्याप्त समय जनता को दिया जाएगा. जिससे जनता अपने वाहनों के समस्त दस्तावेजों को तैयार कर सकें. वहीं, दूसरी तरफ सबसे बड़ी हैरानी का विषय यह है कि सड़कों पर बेहताशा धुंए का जहर सरेआम छोड़ने वाले ऑटो, विक्रम और बस जैसे व्यवसायिक वाहन प्रदूषण जांच केंद्रों के बाहर दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहे हैं.

रात दो बजे से लाइन में लगे लोग

प्रदूषण जांच केंद्रों के बाहर लाइन में लगे वाहन स्वामियों का कहना है कि वो लोग चालान के डर से रात 2 बजे से लाइन लगाकर प्रदूषण जांच कराने के लिए खड़े हैं. उनका कहा है कि सोशल मीडिया और समाचार पत्रों में इस तरह की खबर कुछ दिन पहले प्रकाशित की गई है. जिसमें बताया गया कि आगामी 30 सितंबर तक सभी दस्तावेजों को कंप्लीट करना अनिवार्य है.

कर्मशियल वाहन प्रदूषण केंद्र से नदारद

वहीं, दूसरी तरफ हैरानी की बात यह है कि निजी वाहनों को छोड़ ऑटो, विक्रम, बस और ट्रक जैसे सभी तरह के व्यवसायिक वाहन प्रदूषण जांच केंद्रों से नदारद हैं. प्रदूषण जांच केंद्र की ऑपरेटर की माने तो पिछले 10 दिनों में सिर्फ निजी वाहन ही जांच के लिए पहुंच रहे हैं जबकि व्यवसायिक वाहन ना के बराबर आ रहे हैं.

सरकार ने जारी नहीं किया जीओ

देहरादून ARTO अरविंद पांडे का कहना है कि उनकी ओर से ऐसी कोई भी अनिवार्यता नहीं रखी गई है. प्रदूषण चेक कराने के लिए इतनी मारामारी क्यों मची है वह भी इस बात से हैरान हैं. जबकि आरटीओ या परिवहन विभाग ऐसा कोई चेकिंग का अभियान नहीं चलाने जा रहा है. जिसमें प्रदूषण या अन्य दस्तावेजों को चेक किया जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से अभी तक जीओ जारी नहीं किया गया है.

वहीं परिवहन विभाग की ओर से आरती पांडे ने कहा है कि उनके विभाग ने पुलिस प्रशासन से कहा है कि जब तक सरकार की ओर से जीओ जारी नहीं किया जाए तब तक किसी तरह के दस्तावेजों को चेक करने से बचें.

Last Updated : Sep 15, 2019, 12:13 PM IST

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