देहरादून: भारत में गुरु और शिष्य की परंपरा सदियों से चली आ रही है. लिहाजा गुरु के अहम योगदान को देखते हुए उनके सम्मान में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है. साथ ही शिक्षकों का सम्मान किया जाता है. इसी क्रम में शिक्षक दिवस के अवसर पर मंगलवार को राजभवन में शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेशभर के 17 शिक्षकों को सम्मानित किया गया.
शैलेश मटियानी पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक. उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह, सीएम पुष्कर सिंह धामी और शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार 2022 के लिए 17 शिक्षकों को सम्मानित किया. इन 17 शिक्षकों में 10 प्रारम्भिक शिक्षक, 6 माध्यमिक शिक्षक और एक शिक्षक प्रशिक्षक शामिल है. वहीं कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए राज्यपाल ने शिक्षकों को बधाई और शुभकामनाएं दी.
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साथ ही कहा कि इस पुरस्कार के बाद इन सभी शिक्षकों का दायित्व व उनकी भूमिका और अधिक बढ़ गई है. राज्य शैक्षिक पुरस्कार के लिए चयनित शिक्षक प्रदेश के अन्य शिक्षकों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं. राज्यपाल ने कहा कि हमारी परंपरा में गुरु की एक महत्वपूर्ण भूमिका है. क्योंकि वह माता-पिता के बाद बच्चों के पहले मार्गदर्शक होते हैं. लिहाजा हम जीवन में जो ज्ञान प्राप्त करते हैं, वह ज्ञान गुरु की कृपा से ही संभव पता है.
17 शिक्षकों को शैलेश मटियानी पुरस्कार से किया गया सम्मानित
राज्यपाल ने कहा कि साल 2027 तक भारत को विश्व गुरु और सर्वश्रेष्ठ देश बनाने की दिशा में शिक्षकों की अहम भूमिका होगी. यही नहीं शिक्षकों के मार्गदर्शन में ही स्वर्णिम भारत का निर्माण हो रहा है. वही, सीएम धामी ने कहा कि शिक्षक न सिर्फ राष्ट्र निर्माता है, बल्कि छात्रों को अपना सर्वस्व देने वाले है. ऐसे में राज्य शैक्षिक पुरस्कार सम्मान निधि को 10000 से बढ़कर 21000 रुपए किया जाएगा. इसकी घोषणा भी सीएम ने की है.
इस मौके पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सम्मान राशि बढ़ाने की घोषणा भी की
साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्मान प्राप्त करने वाले शिक्षकों में 35 फीसदी महिला शिक्षक भी शामिल है, जिससे मातृशक्ति का भी सम्मान हुआ है. सीएम धामी ने कहा कि शिक्षक अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए एक ऐसी नई पीढ़ी का निर्माण करें जो ज्ञान और विवेक से भरा हुआ हो ताकि वह आज की सभी चुनौतियों को पार कर सके.