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देहरादूनः खुले में धूल फांक रहे करोड़ों के स्वास्थ्य उपकरण, आंखें मूंदे बैठा विभाग

उत्तराखंड के केंद्रीय औषधि भंडार में स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था के कारण 150 से ज्यादा डीप फ्रीजर बारिश और धूप में पड़े हुए हैं. ईटीवी भारत द्वारा इस खबर का खुलासा 4 जून 2021 को भी किया गया था. लेकिन 2 महीने बाद भी स्वास्थ्य विभाग सोया हुआ है.

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Published : Aug 4, 2021, 9:16 PM IST

Updated : Aug 4, 2021, 10:46 PM IST

देहरादूनःकोरोना की दूसरी लहर के बीच जहां देशभर में वैक्सीनेशन अभियान चल रहा है, तो वहीं उत्तराखंड में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण डीप फ्रीजर खुले में धूल फांक रहे हैं. देहरादून के चंदन नगर स्थित केंद्रीय औषधि भंडार के बाहर करोड़ों रुपयों के डीप फ्रीजर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खुले में आज भी पड़े हुए हैं. ईटीवी भारत द्वारा इस खबर का खुलासा 4 जून 2021 को भी किया गया था. लेकिन 2 महीने बाद भी स्वास्थ्य विभाग सोया हुआ है.

देहरादून के चंदन नगर स्थित स्वास्थ्य विभाग के केंद्रीय औषधि भंडार में करीब 150 से अधिक डीप फ्रीजर खुले में पड़े हुए हैं, लेकिन विभाग ने उन्हें सुरक्षित जगह रखने की जहमत तक नहीं उठाई. चंदन नगर स्थित स्टोर कंपाउंड में पड़े ये फ्रीजर लकड़ी की पैकेजिंग से युक्त हैं, लेकिन लगातार हो रही बारिश होने के कारण इनके पूरी तरह से खराब होने की संभावनाएं बनी हुई है. गोदरेज कंपनी की तरफ वैक्सीन के लिए बनाए गए इन डीप फ्रीजर की कीमत भी करोड़ों में है, लेकिन संबंधित अधिकारियों का इस और कोई ध्यान नहीं गया है.

धूल फांक रहे करोड़ों के डीप फ्रीजर

.ये भी पढ़ेंः स्वास्थ विभाग की बड़ी लापरवाही, खुले में धूल फांक रहे 150 से अधिक डीप फ्रीजर

ईटीवी भारत में द्वारा इस खबर को 2 महीने पहले प्रमुखता से उठाया गया था. बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग ने करोड़ों रुपये के बर्बाद होते स्वास्थ्य उपकरण को उचित स्थान पर रखने की जहमत नहीं उठाई. गौरतलब है कि राजपुर विधायक खजान दास ने भी खुले में रखे स्वास्थ्य उपकरण को लेकर नाराजगी जताते हुए उचित व्यवस्थाएं करने के स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए थे.

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी का कहना है कि खुले में पड़े करोड़ों की लागत के डीप फ्रीजर, इंजेक्शन, दवाइयां, ऑक्सीजन सिलेंडर आदि सरकार और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही उजागर कर रहे हैं. उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार लोगों के स्वास्थ्य के प्रति बिल्कुल भी संवेदनशील नहीं है. गरिमा ने कहा कि इसे विडंबना ही कहा जा सकता है कि आज संसाधनों की जिस तरह से बर्बादी केंद्रीय औषधि भंडार में देखने को मिली, वह अपने आप में अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण हैं.

Last Updated : Aug 4, 2021, 10:46 PM IST

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