देहरादूनःउत्तराखंड कैबिनेट की बैठक समाप्त हो गई है. बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा के साथ ही 14 बिंदुओं पर मुहर लगी जो इस प्रकार हैं. इस बैठक में सरकार ने कर्मचारियों को राज्य आयुष्मान योजना के दायरे में लाने के फैसले को मंजूरी दे दी है. बैठक में 14 प्रस्ताव पेश किए और सभी को हरी झंडी मिल गई. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में मंत्रिमंडल की बैठक संपंन्न हुई.
इन प्रस्तावों को मिली मंजूरी
1- राज्य में भारत सरकार द्वारा साइंस सिटी में सलाहकार पद का स्वीकृत किया गया है. जीएस रौतेला को इसका सलाहकार बनाया गया. रौतेला राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद में भी सेवाएं दे चुके हैं. उनकी नियुक्ति फिलहाल तीन वर्ष के लिए होगी.
2-संविदा कृषि अधिनयम 2018 को राज्य में लागू किये जाने पर मंजूरी मिल गई. किसानों के साथ कॉन्ट्रेक्ट कर अधिनयम के तहत खेती जाएगी.
3- उत्तराखंड कृषि उत्पादन मंडी अधिनियम 2011 की जगह पर केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया कृषि उपज एवं पशुधन विपणन अधिनियम 2017 प्रदेश में लागू होगा. किसानों के लिए मंडी में फसल पहुंचाने के लिए अनिवार्यता खत्म होगी. किसान अपने दामों पर कहीं भी फसल बेच सकेंगे. मंडी परिषद के अध्यक्ष सरकार द्वारा नियुक्त नहीं हो पाएंगे बल्कि चुनाव होगा.
4-सरकार ने अटल आयुष्मान योजना में बदलाव किया है. सरकारी अस्पताल के रेफरल प्रक्रिया को खत्म कर दिया गया है. स्टेट हेल्थ एजेंसी को स्टेट हेल्थ अथॉरिटी नाम दिया गया है. साथ ही प्रदेश में इस संबंध में 10 कॉल सेंटर बनाये जाएंगे. योजना में आने वाली दिक्कता का कॉल सेंटर के माध्यम से समाधान किया जाएगा. इसके अलावा राज्य कर्मचारियों को अटल आयुष्मान योजना के तहत फ्री इलाज मुहैया कराया जाएगा. कर्मचारियों के स्वास्थ्य बीमा के तहत ग्रेड पे के हिसाब से महीने में सरकार प्रीमियम लेगी. वेतमान के हिसाब से 250, 450, 650, 1000 प्रीमियम लिया जाएगा.
5-एसडीआरएफ में पुलिस के जवानों की प्रतिनियुक्ति पांच साल से बढ़ाकर सात साल कर दी गई है.
6-मेगा इंडस्ट्री इन्वेस्टमेंट नीति 2015 में सरकार ने संशोधन किया है. निगेटिव लिस्ट में शामिल उत्पादों पर छूट नहीं मिलेगी. तंबाकू पान मसाला, सीमेंट, पॉलीथीन आदि पर छूट खत्म कर दी गई है. इसके अलावा पहले से स्थापित उत्पादों पर पांच साल के लिए छूट जारी रहेगी.
7-मेगा टैक्सटाइल पार्क पॉलिसी धारा नौ में संशोधन किया गया है. 2021 की जगह 2023 तक पॉलिसी बढ़ाई गयी है.