देहरादून/विकासनगर/हल्द्वानी/सितारगंज/पिथौरागढ़/चंपावत/बागेश्वर/ऋषिकेश :देश भर में आज बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 130वीं जयंती मनाई जा रही है. इसी क्रम में आज उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में राजनीतिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की.
राजधानी देहरादून में घंटाघर स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की. सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि अंबेडकर सिर्फ व्यक्ति नहीं बल्कि एक विचारधारा हैं. जिस विचारधारा को आज पूरी दुनिया मानती है. उन्होंने कहा कि शैक्षिक योग्यता उनकी अतुलनीय थी. लेकिन जो विचार उन्होंने समाज और दुनिया को दिए वह अद्भुत वह रोमांचकारी थे. ऐसे में बाबा साहब को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम अपने मिशन पर चलते हुए शिक्षा ग्रहण करें और फिर संगठित होकर अन्याय और अत्याचार के खिलाफ अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करें.
चकराता में मनाई डॉ. भीमराव अंबेडकर की 130 वीं जयंती
डॉ. भीमराव अंबेडकर जौनसार बावर के युवा संगठनों द्वारा चकराता में भीमराव अंबेडकर जयंती मनाई. इस दौरान भीमराव अंबेडकर के जीवन पर निबंध प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय तृतीय स्थान आने वाली बालिकाओं को पुरस्कृत भी किया गया. चकराता में भीमराव अंबेडकर जयंती के उपलक्ष में कुश्ती का आयोजन किया गया. जिसमें वक्ताओं ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के जीवन पर प्रकाश डालते हुए सविधान की बारीकियों को लोगों के सम्मुख रखा.
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हल्द्वानी में मनाई गई बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 130 वीं जयंती
हल्द्वानी में संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की 130वीं जयंती के मौके पर भव्य झांकी का आयोजन किया गया. बाबा साहब भीमराव अंबेडकर द्वारा बनाए गए भारत के संविधान के चलते ही आज देश की तरक्की और उसके बेहतर निर्माण की नींव रखी गई. लिहाजा लोग आज बाबा साहब को याद करते हैं.
सितारगंज
नगर पालिका कार्यालय में संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी का जन्मदिन हर्षोल्लास से मनाया गया. पालिका अध्यक्ष हरीश दुबे ने बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया. कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि बाबा साहब सर्व समाज के आराध्य है तथा बाबा साहब ने समाज में रहने वाले सभी वर्ग को संविधान में समानता का अधिकार प्रदान किया है. कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने बाबा साहेब के बताए हुए मार्ग पर चलने का प्रण लिया.