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देहरादून में मां नंदा देवी सम्मान समारोह, 13 वीरांगनाओं को किया गया सम्मानित - उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी

देहरादून में विधानसभा भवन में मां नंदा देवी सम्मान समारोह आयोजित किया गया. इस सम्मान समारोह का शुभारंभ केंद्रीय राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक और विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने किया. वहीं, इस मौके पर 13 वीरांगनाओं को मां नंदा देवी सम्मान से सम्मानित किया गया.

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मां नंदा देवी सम्मान समारोह

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Published : Nov 1, 2022, 7:41 PM IST

Updated : Nov 1, 2022, 8:39 PM IST

देहरादून: नंदा देवी राजजात पूर्व पीठिका समिति (Nanda Devi Rajjat Purva Peethika Committee) द्वारा आज विधानसभा भवन देहरादून में मां नंदा देवी सम्मान समारोह आयोजित किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ केंद्रीय राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक (Union Minister of State Pratima Bhowmick) और उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी (Uttarakhand Assembly Speaker Ritu Khanduri) सहित कई विशिष्ट अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया. इस अवसर पर उत्तराखंड के दो वीर शहीदों की माताओं सहित दुर्गम पर्वतीय इलाकों में समाज सेवा के क्षेत्र में योगदान देने वाली 13 वीरांगनाओं को मां नंदा देवी सम्मान (Maa Nanda Devi Samman) से सम्मानित किया गया.

इस अवसर पर ऋतु खंडूड़ी ने मां नंदा देवी सम्मान से सम्मानित महिलाओं को शुभकामनाएं दी. खंडूड़ी ने कहा उत्तराखंड मां सती और मां पार्वती का क्षेत्र है और यहीं मां नंदा भी है. यहां के हर क्षेत्र में मातृ शक्ति ने अपनी अमिट छाप छोड़ी है. हमारे प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्र की महिलाएं न केवल स्वावलंबी बनकर आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ी हैं, बल्कि भावी संगठनों का निर्माण करते हुए सशक्त भी हुई हैं.

उन्होंने कहा आज का युग महिला शक्ति का युग है. एक महिला परिवार में मां के साथ-साथ कई भूमिकाएं एक ही वक्त पर अदा कर रही है. यह उसका सामर्थ्य है कि वो घर-बाहर, हर मोर्चे पर अपना सर्वश्रेष्ठ दे पा रही है. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा अब जरूरत इस बात की है कि सफल महिलाओं से प्रेरणा लेते हुए हर महिला आर्थिक स्वावलंबन की चुनौती स्वीकार करें.

खंडूड़ी ने कहा आज सम्मानित होने वाली सभी महिलाओं ने स्वयं सहायता समूहों एवं अन्य उद्यमों के माध्यम से विपरीत परिस्थितियों में भी उपलब्धियां अर्जित की हैं और दूसरों को प्रेरित भी कर रही हैं. हर महिला को आर्थिक रूप से सशक्त होने और स्वावलंबी बनने का अवसर मिलना चाहिए. महिलाओं की प्रतिष्ठा और बराबरी के दर्जे में कोई कमी नहीं आए, ये हम सबका प्रयास होना चाहिए.

मां नंदा देवी सम्मान समारोह

केंद्रीय राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक ने महिलाओं को समाज परिवर्तन के लिए आगे आने का आह्वान किया. उन्होंने कहा हमें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना है. अपनी शिक्षा व लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए दृढ़ निश्चय के साथ कार्य करना है. वहीं, कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महिला सशक्तीकरण और उन्हें अवसर प्रदान करने की दिशा में अनेकों योजनाएं चलाई जा रही हैं. जिसके सकारात्मक और दूरगामी परिणाम प्राप्त हो रहे हैं.

चंदन राम दास ने कहा ऐसी योजनाओं से महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में अग्रिम पंक्ति में स्थान मिल रहा है. उनके लिए तरक्की के रास्ते प्रशस्त हो रहे हैं. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा प्रदेश की महिलाएं आज किसी क्षेत्र से अछूती नहीं है. यहां कि महिलाएं हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रहीं हैं. सामाजिक क्षेत्रों मे कार्य करने वाली सभी महिलाएं आज सम्मान की पात्र हैं. पहाड़ की महिलाएं आज मजबूत इच्छा शक्ति को लेकर आगे बढ़ी रही हैं.
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पूर्व सांसद और नंदा देवी राजजात पूर्व पीठिका समिति के अध्यक्ष तरुण विजय ने कहा बीते 7 वर्षों से विभिन्न क्षेत्रों में नवीन अग्रणी भूमिका निभाने वाली उत्तराखंडी महिलाओं को मां नंदा देवी सम्मान दिया जाता है. इस वर्ष वीरता और पराक्रम के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने वाली उत्तराखंड की महिलाओं को यह सम्मान दिया गया है. आज इन महिलाओं को सम्मान देकर सभी गौरवान्वित है.

इन वीरांगनाओं को मिला सम्मान: शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट की माता रेखा बिष्ट, शहीद मेजर विभूति ढौंडियाल की माता सरोज ढौंडियाल को मां नंदा देवी सम्मान से सम्मानित किया गया.

फ्लाइंग ऑफिसर निधि बिष्ट:सेना की जांबाजी के किस्से से प्रेरित होकर पौड़ी की बेटी निधि बिष्ट ने देश की सेवा में जाने का कदम उठाया.

अनीता टम्टा: गंगनाथ स्वयं सहायता समूह के माध्यम से (देवलधार) बागेश्वर की वीरांगना अनिता टम्टा ने कोरोना काल में मास्क बनाकर, इंदिरा अम्मा भोजनालय संचालित करने सहित हैंडीक्राफ्ट के क्षेत्र में कार्य कर क्षेत्र की कई महिलाओं को स्वरोजगार के साथ जोड़ा.

कलावती बडाल: क्लाइंबिंग बियोंड द समिट्स (सीबीटीएस) की कलावती बडाल सक्रिय सदस्य हैं. धारचूला की रहने वाली इस पर्वतारोही ने 2021 की आपदा में भारत चीन सीमा पर बंद रास्तों के बीच अपनी टीम के माध्यम से हजारों लोगों को राहत पहुंचाने का कार्य किया.

तारा जोशी: स्थानीय उत्पादों एवं प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर तारा जोशी ने टनकपुर चंपावत में ग्रामीण महिलाओं व पुरुषों को प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार पैदा किया. वहीं विभिन्न सहायता समूह का गठन कर आजीविका के संसाधन उत्पन्न किए.

तारा टाकुली: कपकोट बागेश्वर में तारा टाकुली ने विभिन्न समाज सेवा के कार्यों से महिलाओं को जागरूक करने की दिशा में कार्य किया.

तारा पांगती: मुनस्यारी, पिथौरागढ़ की रहने वाली तारा पांगती ने समाज कल्याण बोर्ड की सदस्य, महिला आयोग की सदस्य, जोहार घाटी महिला हथकरघा समिति की अध्यक्ष सहित अन्य पदों पर रहते हुए महिलाओं के उत्थान की दिशा में कार्य किया.

गीता देवी पांगती: महिला जनजाति उत्थान समिति के माध्यम से गीता देवी पांगती ने मुनस्यारी में स्वयं सहायता समूह बनाकर हस्तशिल्प के कार्यों को बढ़ावा देते हुए महिलाओं को स्वरोजगार प्रदान किए. साथ ही पलायन को रोकने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

आशा देवी: बागेश्वर की रहने वाली वीरांगना आशा देवी ने सैकड़ों स्वयं सहायता समूह एवं ग्राम संगठन बना कर क्षेत्र की महिलाओं के लिए स्वरोजगार पैदा किया.

निवेदिता पंवार: चंबा टिहरी में ग्राम प्रधान के पद पर रहते हुए कोरोना जैसी महामारी एवं विभिन्न आपदाओं के समय क्षेत्र के लोगों की सेवा एवं समाज कार्य किया.

सीता देवी बुरफाल: पिथौरागढ़ निवासी 80 वर्षीय सीता देवी बुरफाल ने बीते कई सालों से समाज की सेवा में अद्वितीय योगदान दिया है. साथ ही पलायन को रोकने जैसे महत्वपूर्ण विषय पर उनकी सक्रिय भूमिका रही है.

बीना बेंजवाल: लेखिका, कवि एवं कई सामानों से सम्मानित बीना बेंजवाल ने समय-समय पर विभिन्न पुस्तकों, पत्र पत्रिकाओं में समसामयिक महिला विमर्श एवं लोक भाषा पर लेखों के माध्यम से अपना योगदान दिया है.

अशिता डोभाल: नौगांव उत्तरकाशी की रहने वाली वीरांगना अशिता डोभाल ने शिक्षा स्वास्थ्य और स्वावलंबन क्षेत्र में कार्य कर गरीब एवं वंचित वर्ग के लोगों को स्थानीय स्वरोजगार से जोड़कर आजीविका उपलब्ध कराई. साथ ही पहाड़ की गौरवमई संस्कृति और परंपराओं को संजोए रखने के लिए पहाड़ी व्यंजन को विशेष पहचान दिलाने में अपना योगदान दिया.

ममता रावत: भटवाडी, उत्तरकाशी निवासी ममता रावत ने होमस्टे एवं ट्रैकिंग के माध्यम से लोगों को स्वरोजगार से जोड़ा और इन्होंने 2013 की आपदा में राहत कार्य में अपना विशेष योगदान दिया.

Last Updated : Nov 1, 2022, 8:39 PM IST

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