ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) ऋषिकेश में गतवर्ष 2020 में लाॅकडाउन के मद्देनजर स्थगित की गई नेत्रदान की सुविधा को फिर से शुरू कर दिया गया है. बीते अक्टूबर माह से अब तक एम्स के आई बैंक में 13 लोगों ने संकल्प के तहत आंखें दान की हैं. जिनसे 19 लोगों का जीवन रोशन हुआ है.
बता दें कि मार्च 2020 में विश्वव्यापी कोविड-19 महामारी के मद्देनजर देशभर में लाॅकडाउन के बाद एम्स ऋषिकेश के नेत्र कोष विभाग में काॅर्निया प्रत्यारोपण की प्रक्रिया भी स्थगित कर दी गई थी. यह सुविधा सितंबर 2020 महीने तक स्थगित रखी गई. मगर इसके बाद हालात सामान्य होने पर अक्टूबर माह से इसे फिर से शुरू कर दिया गया है. तब से अब तक एम्स स्थित नेत्र विभाग के आई बैंक में 13 लोगों के नेत्रदान महादान के संकल्प के तहत आंखें दान कर 19 लोगों को जीवन ज्योति प्रदान की गई.
वहीं इस बाबत एम्स निदेशक प्रोफेसर रवि कांत ने अपने संदेश में बताया कि नेत्रदान करना सबसे महान कार्य है. उन्होंने कहा कि नेत्रदान से किसी के अंधेरे जीवन को रोशन करने के समान कोई दूसरा महादान नहीं है. लिहाजा जो लोग अपनी आंखें दान करने का संकल्प लेते हैं, वह जरुरतमंद व्यक्ति को नेत्र ज्योति देकर मृत्यु उपरांत भी अमर हो जाते हैं. निदेशक ने बताया कि एम्स ऋषिकेश में स्थापित आई बैंक में कोई भी व्यक्ति अपनी आंखें दान कर सकता है. इस प्रक्रिया में किसी भी उम्र तक का व्यक्ति प्रतिभाग कर नेत्र दान जैसे पुण्यकार्य का प्रतिभागी बन सकता है.