देहरादून:उत्तराखंड राज्य को पर्यटन प्रदेश बनाने की जुगत में जुटी सरकार '13 जिले 13 डिस्टिनेशन' थीम को विकसित करने में लगी हुई है. त्रिवेंद्र सरकार के करीब 2 साल बीत जाने के बाद शासन ने हर जिले को टूरिस्ट डेस्टिनेशन के लिए 50-50 लाख रुपये टोकन मनी के रूप में जारी कर दिये हैं.
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उत्तराखंड राज्य अपनी भौगोलिक परिस्थितियों की वजह से अपने सीमित संसाधनों के बूते अपनी आर्थिकी बढ़ाने में जुटा हुआ है. अगर राज्य के आर्थिकी की बात करें तो उत्तराखंड में की आर्थिक का एक बड़ा हिस्सा पर्यटन पर टिका हुआ है. क्योंकि, हर साल करोड़ों सैलानी उत्तराखंड घूमने आते हैं जिससे ना सिर्फ राज्य सरकार बल्कि स्थानीय निवासियों को भी रोजगार मिलता है. यही वजह है कि राज्य सरकार पर्यटन की ओर ज्यादा ध्यान दे रही है.
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देवभूमि उत्तराखंड पर्यटन क्षेत्र के मामले में विश्व विख्यात है यहां ब्रिटिश काल से ही नैनीताल, मसूरी, रानीखेत, चकराता समेत तमाम पर्यटन स्थल बन गए थे. इन जगहों पर अमूमन सैलानियों का जमावड़ा लगा रहता है. इन्हीं वजह से कई बार पर्यटकों को असुविधाएं भी झेलनी पड़ती है, जिसको देखते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सत्ता संभालने के साथ ही 13 जिले में 13 नए पर्यटन स्थान बनाने की मंशा जताई थी.
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13 जिले 13 डेस्टिनेशन थीम को अमलीजामा पहनाने के लिएमुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रदेश सचिव गृह, सचिव वित्त, सचिव सहकारिता, सचिव पर्यटन और मुख्यमंत्री के अपर सचिव की कमेटी बनाई गई थी. अधिकारिक स्तर पर लगातार इस थीम पर बैठके की जा रही हैं. जिसके बाद अब शासन ने 13 जिले 13 डेस्टिनेशन की कवायत तेज करते हुए 50-50 लाख रुपये की टोकन मनी जारी कर दी है.
13 जिलों मे 13 नए स्थल का थीम बनाने की योजना कुछ इस प्रकार बनाई गई है.
- देहरादून जिले के लाखामंडल, चकराता को महाभारत सर्किट- हेरिटेज टूरिज्म के रूप में विकसित करना.
- पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी/ चौकोड़ी को लेजर एवं इको टूरिज्म के रूप में विकसित करना.
- बागेश्वर जिले के गरुड़ वैली को हिल टूरिज्म के रूप में विकसित करना.
- अल्मोड़ा जिले के कसार देवी/ काटरमल को मेडिटेशन के रूप में विकसित करना.
- नैनीताल जिले के मुक्तेश्वर को हिमलय दर्शन टूरिज्म के रूप में विकसित करना.
- चंपावत जिले के देवी धुरा, लोहाघाट को हिल स्टेशन के रूप में विकसित करना.
- उधमसिंह नगर जिले के पराग फॉर्म को एम्यूज़मेंट पार्क के रूप में विकसित करना.
- रुद्रप्रयाग जिले के चैपता को इको टूरिज्म के रूप में विकसित करना.
- टिहरी जिले के टिहरी झील को वाटर स्पोर्ट्स के रूप में विकसित करना.
- पौड़ी जिले के खिर्सू ( कॉर्बेट नार्थ एंट्री) को हिल स्टेशन, वाइल्डलाइफ के रूप में विकसित करना.
- उत्तरकाशी जिले के मोरी, हरकीदून को मल्टीपरपज के रूप में विकसित करना.
- चमोली जिले के गैरसैंण/ औली-गौरसो को विंटर स्पोर्ट्स, नॉलेज टाउन के रूप में विकसित करना.
- हरिद्वार जिले के पिरान कलियर/ शक्तिपीठ को धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित करना.
साल 2017 में भाजपा की सरकार बनने के करीब 1 साल तक सभी जिलों की भौगोलिक परिस्थिति, वातावरण और मौसम आदि को देखते हुए 13 स्थानों पर थीम आधारित पर्यटन स्थलों का चयन किया गया था.
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15 फरवरी 2018 को इन सभी टीमों पर मुख्यमंत्री के साथ चर्चा किया, जिसके बाद इन 13 अलग-अलग थीम पर विकसित किए जाने वाले पर्यटन स्थलों पर सहमति भी बन गई थी.तब से अभी तक सिर्फ अधिकारी का स्तर पर बैठकर ही हो रही है लेकिन अब शासन के इन 13 डेस्टिनेशनों के लिए 50-50 लाख का टोकन मनी जारी करने के निर्देश ने यह स्पष्ट कर दिया है कि शासन और सरकार इस मामले में बेहद गंभीर है.