देहरादून:उत्तराखंड में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति किसी से छिपी नहीं है. सरकारी हॉस्पिटलों में डॉक्टरों की कमी किसी से छिपी नहीं है. इस बात से सरकार भी इनकार नहीं कर रही है. इससे अलग सरकार के सामने सबसे बड़ी समस्या लंबे लापता चल रहे डॉक्टर है. उत्तराखंड के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में तैनात 109 डॉक्टर पिछले कई साल से लापता हैं. बावजूद इसके अभी तक स्वास्थ्य विभाग इन डॉक्टरों पर कोई कार्रवाई नहीं कर पाया है. ये 109 वो डॉक्टर हैं, जो न तो अपने कार्यस्थल पर जा रहे और न ही स्वास्थ्य विभाग की ओर से भेजे गए नोटिस का जवाब दे रहे हैं.
प्रदेश में सरकारी हॉस्पिटलों में डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए समय-समय पर लोक सेवा आयोग स्वास्थ्य विभाग के लिए डॉक्टरों की नियुक्ति करता है. लंबे समय से लापता चल रहे 109 डॉक्टरों की नियुक्ति भी लोक सेवा आयोग के जरिए ही की गई थी. जिसके बाद सभी डॉक्टरों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पताल में जरूरत के मुताबिक भेजा गया था, लेकिन ये सभी डॉक्टर लंबे समय से लापता चल रहे हैं.
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कई डॉक्टर तो 5 साल से लापता: स्वास्थ्य विभाग की मानें तो प्रदेश के कई अस्पतालों में पिछले कुछ वर्षों से 109 डॉक्टरों की नियुक्ति के बाद से कुछ अता-पता नहीं है. कई डॉक्टर तो 5 साल से अनुपस्थित बताए गए हैं. ऐसे में मुख्यालय ने सभी जिलों के सीएमओ से इस संबंध में रिपोर्ट भी मांगी थी और रिपोर्ट मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे डॉक्टरों को नोटिस भेजकर जवाब भी तलब किया था लेकिन लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे डॉक्टरों ने अभी तक नोटिस का जवाब नहीं दिया है.