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धामी सरकार का 'Power Play', जानें 100 दिनों में कैसी रही परफॉर्मेंस - Uttarakhand Politics News

पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण किए हुए 100 दिन पूरे हो गए हैं. इन 100 दिनों में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की परफॉर्मेंस किस तरह से रही है, यह काफी हद तक आगामी विधानसभा चुनाव पर असर डालेगी.

Cm 100 days performance
Cm 100 days performance

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Published : Oct 12, 2021, 1:04 PM IST

Updated : Oct 12, 2021, 4:02 PM IST

देहरादून: आगामी 2022 विधानसभा चुनाव के लिहाज से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मैच के आखिरी ओवरों में उतारे गए खिलाड़ी जैसे ही है और धामी अपनी इस भूमिका को बखूबी निभा भी रहे हैं. मात्र कुछ महीनों की पारी में ऐसा कोई एरिया नहीं है, जहां पर पुष्कर सिंह धामी स्ट्रोक लगाने में कमी कर रहे हो. सीएम धामी स्लॉग ओवरों में उतारे गए एक मंझे हुए खिलाड़ी साबित हो रहे हैं.

बात रोजगार की करें या फिर उत्तराखंड में ज्वलंत हो रहे भू-कानून की. बात सरकार की गले की फांस बन चुका देवस्थानम बोर्ड की हो या फिर मुख्यमंत्री की घोषणा की. इस लिस्ट की हर जगह युवा और तेजतर्रार मुख्यमंत्री के रूप में मैदान में उतारे गए आखिरी ओवरों के धामी बिल्कुल खेल भी वैसे ही रहे हैं. मुख्यमंत्री पद की शपथ लिए हुए पुष्कर सिंह धामी को 100 दिन पूरे हो गए हैं. इन 100 दिनों के परफॉर्मेंस पर अगर नजर डाली जाए तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपलब्धियां सीमित समय के मुकाबले काफी ज्यादा देखने को मिलती हैं.

धामी सरकार की 100 दिनों की परफॉर्मेंस.

रोजगार को लेकर युवाओं को भरोसा:रोजगार प्रदेश के लिए हमेशा एक बड़ा मुद्दा रहा है और आगे भी रहेगा. पुष्कर सिंह धामी ने इस मुद्दे को भुनाते हुए प्रदेश में 24 हजार रिक्त पदों को भरने के साथ-साथ सरकारी भर्तियों में 1 साल की छूट के नारे को आगे बढ़ाया. तो वहीं, अपनी तरफ से उन्होंने अगले साल मार्च तक सरकारी आवेदनों में शुल्क माफी को लेकर एक कदम और आगे बढ़ाते हुए युवाओं और बेरोजगारों को भरोसा दिलाया. ऐसे में बेरोजगार युवाओं को भले ही रोजगार इतनी तत्परता से ना मिल पाए लेकिन कहीं ना कहीं बेरोजगार युवाओं को धामी पर भरोसा हुआ है. धामी ने ही युवाओं को एक उम्मीद भी दी है.

भू-कानून की पहल:देवभूमि उत्तराखंड की शांत वादियों में अचानक भू-कानून का मुद्दा तेजी उठा है. उत्तराखंड में हिमाचल की तर्ज पर सख्त भू-कानून की मांग को लेकर लोग सड़क पर हैं. सीएम धामी के सत्ता संभालते ही धामी के सामने भू-कानून की मांग और तेज होने लगी थी. ऐसे में सीएम धामी ने इस मामले को नजरअंदाज करने की गलती नहीं की.

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भू-कानून के लिए सीएम धामी विधानसभा सत्र में खुद आगे आए और उन्होंने सदन के भीतर से ही भू कानून पर अपने विचार रखे. उन्होंने खुद इस बात को स्वीकारा कि उत्तराखंड में एक सशक्त भू-कानून होना चाहिए. इसके लिए उन्होंने पहल करते हुए एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की और सरकार ने सख्त भू-कानून के लिए एक्सरसाइज शुरू कर दी है.

घोषणाओं को पूरी करने की मुहिम: मुख्यमंत्री बनने के बाद भले ही सबसे ज्यादा पुष्कर सिंह धामी से यह सवाल किया गया कि आपके पास समय ही कितना है? आप क्या कर लेंगे? लेकिन पुष्कर सिंह धामी ने इन सवालों को जवाब देने से बेहतर अपने काम के जरिए जवाब देना बेहतर समझा.

जो लोग सवाल करते थे कि सीएम धामी के सामने सीमित समय की बड़ी चुनौती है. वही लोग आज यह मान रहे हैं कि काम करने के लिए समय की बाध्यता नहीं होती है. कम समय में भी ज्यादा काम किया जा सकता है, जिसे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साबित करके दिखाया है. लगातार सीएम धामी अब मुख्यमंत्री की घोषणाओं की समीक्षा के साथ-साथ उन्हें पूरी रफ्तार के साथ प्रदेश में धरातल पर भी उतार रहे हैं.

उपनल कर्मचारियों के मानदेय में वृद्धि:धामी सरकार ने कैबिनेट बैठक में उपनल कर्मचारियों के मानदेय वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है. जिसके तहत 10 साल अधिक सेवा देने वाले उपनल कर्मचारियों का मानेदय 3000 रुपये और 10 साल से कम सेवा देने वाले कर्मचारियों का मानदेय 2000 रुपये बढ़ाया जाएगा.

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100 दिन में हर वर्ग की सेवा का प्रयास: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने 100 दिन पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ अपने केंद्रीय नेतृत्व का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि पार्टी आलाकमान ने उन्हें मुख्य सेवक के रूप में उत्तराखंड की सेवा करने का मौका दिया है. उन्होंने भी रात-दिन एक करके खुद को उत्तराखंड की सेवा में झोंक दिया है.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उनकी तरफ से हर वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए काम करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्हें उम्मीद है कि उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों से जनता का भी बेहतर रिस्पांस मिल रहा है. उन्होंने कहा कि उनके पास सीमित समय है लेकिन फिर भी वह प्रदेश वासियों की सेवा में अपने आप को पूरी तरह से समर्पित किए हुए हैं. जिस दिन तक उन्हें मौका मिलेगा. वह इसी तरह से काम करते रहेंगे.

लोगों को दिख रहा उज्जवल भविष्य: इस पर भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष देवेंद्र भसीन का भी कहना है कि मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी के आने के बाद जनता का भरोसा सरकार पर बढ़ा है. लोग धामी के रूप में उत्तराखंड का उज्जवल भविष्य देख रहे हैं.

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अंतिम पंक्ति के लोगों तक पहुंचने का प्रयास:मुख्यमंत्री ने कहा कि 04 जुलाई को उत्तराखंड का मुख्य सेवक बनने के बाद से मेरा प्रयास रहा है कि हमारे आन्दोलनकारियों एवं शहीदों के सपनों के अनुरूप प्रदेश का विकास हो. इन 100 दिनों में प्रत्येक क्षण का सदुपयोग कर प्रदेश वासियों की सेवा करने के लिए हर संभव प्रयास किये हैं. समाज के अंतिम पंक्ति के लोगों तक पहुंचने का प्रयास किया है. समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर एवं जन भावनाओं के हिसाब से राज्य सरकार कार्य कर रही है.

सीएम धामी पर कांग्रेस का प्रहार:विपक्ष में बैठी कांग्रेस का कहना है कि भाजपा ने केवल सरकार का चेहरा बदला है लेकिन भाजपा के काम करने का ढंग वही है. पिछले साढ़े 4 सालों में कुछ नहीं हुआ है. अब केवल मुख्यमंत्री का चेहरा बदल कर भाजपा यह दिखाने का प्रयास कर रही है कि काफी कुछ बदल गया है.

कांग्रेस की प्रवक्ता प्रतिमा सिंह का कहना है कि इन 100 दिनों में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी कुछ ज्यादा नहीं कर पाए हैं. केवल बड़े-बड़े दावे किए गए हैं और प्रदेश के ज्वलंत मुद्दों (भू-कानून) पर समितियां बनाई गई है. वहीं, देवस्थानम बोर्ड जैसे संवेदनशील मुद्दे पर पंडा पुरोहित अपने खून से पत्र लिखने तक के लिए मजबूर हैं. ऐसे में बेहद कम दिनों के लिए मुख्यमंत्री बनाए गए पुष्कर सिंह धामी भी भाजपा को ज्यादा कुछ नहीं दे पाए हैं.

Last Updated : Oct 12, 2021, 4:02 PM IST

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