ऋषिकेश: नगर निगम को लाल पानी बीट में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं प्रोसेसिंग प्लांट हेतु 10 हेक्टेयर वन भूमि के लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार से सैद्वांतिक सहमति मिल गई है. नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत गोविंद नगर से पुराना कूड़ा (लैगेसी वेस्ट) हटाने के लिए भी शासन द्वारा डीपीआर तकनीकी अनुमोदन के लिए भेजा गया है.
तीर्थनगरी ऋषिकेश शहर को अब कूड़े के पहाड़ से निजात मिलने की उम्मीद है. नगर निगम के मुताबिक अब उन्हें 10 हेक्टेयर वनभूमि लाल पानी में हस्तांतरित की जा रही है, जिसके लिए तकरीबन एक करोड़ 18 लाख रुपए की धनराशि विभाग को जमा की जानी है, जिसे निगम के आग्रह पर अब शहरी विकास निदेशालय जमा कराएगा.
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मेयर अनीता ममगाईं का दावा है कि ऋषिकेश नगर निगम का कूड़ा निस्तारण प्लांट बहुत जल्द अस्तित्व में आ जाएगा. बता दें कि, ऋषिकेश में कूड़ा निस्तारण की समस्या दशकों को पुरानी है. यहां कूड़ा निस्तारण नहीं होने की वजह से तमाम नगरी क्षेत्र का कचरा शहर के बीचों-बीच एक खाली भूखंड में डंप किया जा रहा है, जिसका प्रॉपर निस्तारण नहीं होने से आसपास के लोग खासे परेशान हैं.
महापौर ने कहा कि गोविंद नगर स्थित कूड़े के मैदान को लेकर हाईटेक मशीनों का प्लांट लगाने के लिए 8 अक्टूबर को कुंभ मेला अधिकारी से 9 करोड़ रुपए अवमुक्त करने के लिए पत्र लिखा गया था, जिसमें साढ़े पांच करोड़ रुपए की स्वीकृति मिल गई है. जल्द ही इस पर कार्यवाही की जाएगी.