चंपावतः जिले में ग्रीन लीफ चाय का बखूबी उत्पादन किया जा रहा है. देश-विदेश के लोग यहां उगने वाली ऑर्गेनिक चाय की चुस्की के लिए बेताब रहते हैं. जिसकी डिमांड देश-विदेशों में खूब हो रही है. साथ ही विदेशी लोगों के प्यालों की शान भी बढ़ा रही है. इतना ही नहीं ये चाय पहाड़ की महिलाओं के लिए रोजगार का माध्यम भी बना है.
बता दें कि, चंपावत में अंग्रेजों ने चाय की खेती शुरू की थी. साल 1995-96 में ग्राम पंचायत सिलंगटाक में चाय विकास बोर्ड योजना को लागू करने के लिए चाय की बागवानी की गई. जो अब चंपावत की पहचान बन चुकी है. वर्तमान में जिले की 18 ग्राम पंचायतों की 228 हेक्टेयर भूमि पर चाय की खेती की जा रही है.
चंपावत में उत्पादित चाय को कोलकाता की पैरामाउंट कंपनी बेचती है. कोलकाता में इस चाय पत्ती की कीमत 1200 रुपये किलो तक है. जहां से इसका निर्यात विदेशों में किया जाता है. इतना ही नहीं इस चाय की विदेशों में काफी डिमांड है. हर साल यहां से करीब 40 से 50 हजार किलो चाय का उत्पादन किया जाता है.