चम्पावत: जिले में छात्रवृति का एक बड़ा घोटाला सामने आया है. कैग की रिपोर्ट में 2015-16 में उत्तराखंड छात्रवृति आवंटन में बरती अनिमियतत्ता पर नैनीताल हाईकोर्ट में रिट पिटिशन दायर की गई थी. जिसके बाद चम्पावत जिले में छात्रवृति वितरण की जांच करने के लिए एसपी धीरेन्द्र गुन्ज्याल की देखरेख में एक एसआईटी गठित की गई थी. इस टीम ने जांच में पाया कि मामले में एक फर्जी कॉलेज खोला गया. जिसमें फर्जी तरीके से 221 एससी-एसटी छात्र-छात्राओं का दाखिला कराया गया. जिनके नाम पर विद्यालय प्रबंधन ने 39.52 लाख रुपये की छात्रवृति का गबन किया.
जांच में यह भी सामने आया कि समाज कल्याण विभाग ने जब काॅलेज का निरीक्षण किया तो उसने भी अपनी रिपोर्ट में काॅलेज संचालन और 221 छात्र-छात्राओं का अध्यनरत होने की रिपोर्ट शासन को भेजी. जबकि, एसआईटी जांच में पाया गया कि काॅलेज एक महीने भी संचालित नहीं हुआ. जांच में यह भी उजागर हुआ कि काॅलेज प्रबन्धन ने स्थानीय बिचौलिये के माध्यम से छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क डिग्री मिलने और छात्रवृति देने की बात कह कुछ दिन काॅलेज बुलाया था.
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