चंपावत: किशोरी का अपहरण करने वाला आरोपी ने बंदी गृह के शौचालय में जैकेट की डोरी से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. आरोपी लोहाघाट में स्थित बंदी गृह में विचाराधीन कैदी था. आरोपी को बनबसा से गिरफ्तार किया गया था. बंदीगृह में विचाराधीन कैदी की आत्महत्या करने से जेल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया है.
एसपी लोकेश्वर सिंह ने बताया है कि इसी माह बनबसा निवासी एक किशोरी संदिग्ध हालात में घर से गायब हो गई थी. मामले में किशोरी के परिजनों ने बनबसा थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी. जांच में पुलिस ने सर्विलांस से मिली लोकेशन के आधार पर बीते 9 जनवरी को किशोरी के साथ जितेंद्र को पकड़ा था. पुलिस ने मामले में आरोपी के खिलाफ अपहरण, दुराचार और पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज किया था.
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आरोपी जितेंद्र को कोर्ट के आदेश पर लोहाघाट न्यायिक बंदी गृह भेज गया था. करीब 14 दिन से जितेंद्र लोहाघाट बंदी गृह में बंद था. मंगलवार सुबह करीब चार बजे बंदी गृह के शौचालय गया, लेकिन काफी देर बाद जब दूसरे कैदी ने शौचालय का दरवाजा खटखटाया, उसके बाद भी जितेंद्र बाहर नहीं आया. जब कैदी ने धक्का मारकर दरवाजा खोला गया तो, जितेंद्र फांसी के फंदे से लटका हुआ मिला.
सूचना मिलते ही एसडीएम आरसी गौतम और सीओ ध्यान सिंह समेत पुलिस प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. एसपी ने बताया है कि बंदी गृह में आरोपी के आत्महत्या मामले की जांच मजिस्ट्रेट स्तर से की जा रही है. मृतक के परिजनों को सूचना दे दी गई है. मृतक जितेंद्र उत्तर प्रदेश के खेड़ा कसनी जिला बदायूं का रहने वाला था, लंबे समय से वह बनबसा क्षेत्र में रह रहा था.