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गर्भवती ने पर्ची काउंटर के पास बच्चे को दिया जन्म, जच्चा-बच्चा सुरक्षित

बुड़ाखेत गांव की एक गर्भवती महिला ने स्त्री रोग विशेषज्ञ न होने से हायर सेंटर रेफर कर दिया, किन एम्बुलेंस के इंतजार में महिला ने पर्ची काउंटर के पास ही बच्चे को जन्म दिया. हालांकि जच्चा और बच्चा दोनों सुरक्षित हैं.

जिला अस्पताल चंपावत.

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Published : Apr 16, 2019, 3:35 PM IST

चंपावतःपहाड़ में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल किसी से छुपा नहीं है. आये दिन अस्पताल और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर कोई ना कोई मामला सामने आता रहता है. इसी क्रम में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं की एक बानगी जिला अस्पताल में देखने को मिली. स्त्री रोग विशेषज्ञ न होने से एक गर्भवती महिला को हायर सेंटर रेफर कर दिया, लेकिन एम्बुलेंस के इंतजार में महिला ने पर्ची काउंटर के पास ही बच्चे को जन्म दिया. हालांकि जच्चा और बच्चा दोनों सुरक्षित हैं.

जानकारी देते प्रसूता के पति और सीएमएस डॉ. आरके जोशी


जानकारी के मुताबिक जिला मुख्यालय से 25 किमी दूर स्थित बुड़ाखेत गांव की एक गर्भवती भवानी देवी को सोमवार को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन उसे जिला अस्पताल चंपावत ले गये. अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ के न होने से गर्भवती को हायर सेंटर पिथौरागढ़ रेफर कर दिया. इस दौरान महिला और उसके परिजन एम्बुलेंस का इंतजार कर रहे थे. तभी महिला को प्रसव पीड़ा तेज हो गई और महिला ने पर्ची काउंटर के पास ही बच्चे को जन्म दिया. इसे देख अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में जिला अस्पताल कर्मियों ने मां और नवजात शिशु को वार्ड में ले गये. बताया जा रहा है कि फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों खतरे से बाहर हैं.

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प्रसूता के पति दिनेश राम ने बताया कि वो अपनी पत्नी को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए लाये थे. डॉक्टरों ने अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट देखने के बाद उन्हें दूसरे अस्पताल और हायर सेंटर पिथौरागढ़ रेफर करने को कहा. उन्होंने बताया कि वो हायर सेंटर जाने के लिए एंबुलेंस का इंतजार कर रहे थे, तभी पत्नी को तेज दर्द हुआ और अस्पताल परिसर में ही बच्चे को जन्म दिया.
वहीं, सीएमएस डॉ. आरके जोशी का कहना है कि बुड़ाखेत गांव की एक महिला गर्भवती भवानी देवी (35) अस्पताल आयी थी. महिला की छठी प्रेगेंसी थी, साथ ही बच्चा काफी भारी था. महिला की स्थिति भी अच्छी नहीं थी. ऐसे में अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं हैं. इसीलिए अन्य अस्पताल में जाने को कहा गया.


बता दें कि जिला अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ के न होने के कारण अक्सर गर्भवती महिला को रेफर किया जाता है. सरकार ने पहाड़ में अस्पताल तो खोल दिए, लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टर तैनात करना भूल गई. ऐसे में अस्पताल महज रेफर सेंटर बन कर रह गये हैं.

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