चंपावत: देशभर में लॉकडाउन लागू होने के बाद उत्तराखंड में अन्य राज्यों के मजदूर कैद होकर रह गये हैं. रोजी-रोटी का संकट गहराता देख प्रवासी मजदूर अपने घरों का रुख कर रहे हैं. पिथौरागढ़ जिले से 75 किमी पैदल चलकर चंपावत पहुंचे मजदूरों को पुलिस का साथ मिल रहा है.
घर लौट रहे दिहाड़ी मजदूरों की पुलिस ने की मदद. कोरोना वायरस का असर दिहाड़ी मजदूरों पर साफ देखा जा रहा है. 70 से अधिक दिहाड़ी मजदूर पिथौरागढ़ जिले से 75 किमी पैदल चलकर चंपावत पहुंचे. लॉकडाउन के चलते आवाजाही ठप होने के साथ ही इन मजदूरों को खाने-पीने की परेशानियों का सामना करना पड़ा. वहीं, लोहाघाट पुलिस ने इन सभी मजदूरों को सेनेटाइज कर भोजन कराया.
पढ़ें:कोरोना संक्रमित मरीजों के चिन्हिकरण का प्रयास, नोडल अधिकारियों को दी गई जिम्मेदारी
लोहाघाट पुलिस विभाग के इस सराहनीय काम की चौतरफा प्रशंसा हो रही है. आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण अपने घरों का रुख कर रहे इन मजदूरों की मदद अब पुलिस कर रही है. इन सभी मजदूरों को लोहाघाट पुलिस विभाग ने सेनेटाइज कर भोजन कराया.
लोहाघाट थानाध्यक्ष मनीष खत्री ने बताया कि इन मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण कराकर सभी के लिए भोजन की व्यवस्था कराई गई. उन्होंने कहा कि उच्च अधिकारियों से बात कर सभी मजदूरों को भेजने या अन्य जगह रहने की व्यवस्था की जा रही है.