चंपावत में पुष्कर के लिए हो रही प्रार्थना. चंपावत:चारधाम सड़क परियोजना के तहत सिलक्यारा टनल हादसे में चंपावत के 22 वर्षीय पुष्कर समेत 40 मजदूर पिछले 8 दिनों से फंसे हैं. पुष्कर के माता-पिता को पुष्कर की चिंता सताने लगी है. माता-पिता का कहना है कि 15 नवंबर को परियोजना मैनेजर ने उन्हें फोन पर उनके बेटे के टनल में फंसे होने की जानकारी दी. जानकारी मिलने के बाद पुष्कर के माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है.
उत्तराखंड की उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल में 12 नवंबर की सुबह हुए लैंडस्लाइड के बाद से 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए लगातार जद्दोजदह चल रही है. शनिवार को पीएमओ की टीम द्वारा टनल का निरीक्षण करने के बाद अब 5 विकल्पों पर काम किया जा रहा है. इसमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण टनल के ऊपर से की जाने वाली वर्टिकल ड्रिल है. इसके लिए हॉलैंड से अत्याधुनिक ड्रिल मशीन लाई जा रही है. साथ ही मशीन को टनल के ऊपर पहुंचाने के लिए सेना ने भी कमान संभाल ली है. सेना ने हॉलैंड की मशीन के लिए ट्रैक तैयार कर लिया है.
इससे पहले अमेरिकन ऑगर मशीन और इंदौर से लाई गई मशीन के जरिए टनल पर काम किया जा रहा है. ऐसे में इन 5 विकल्पों से मजदूरों का रेस्क्यू ऑपरेशन किया जा रहा है. दूसरी तरफ टनल में फंसे मजदूरों से लगातार संपर्क साधकर उनका हौसला बढ़ाया जा रहा है. टनल में चंपावत जिले के टनकपुर के छीनीगोठ गांव का 22 वर्षीय पुष्कर सिंह ऐरी पुत्र राम सिंह ऐरी भी फंसा हुआ है. बेटे के सुरंग में फंसने की जानकारी मिलने के बाद परिजन परेशान हैं.
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घटना की सूचना मिलने के बाद से ही पुष्कर की मां गंगा देवी ने खाना-पीना छोड़ दिया है. इस कारण उनका स्वास्थ्य भी खराब होने लगा है. पुष्कर के बड़े भाई विक्रम घटना की सूचना मिलने के बाद से ही उत्तरकाशी में पुष्कर के सकुशल रेस्क्यू की खबर सुनने का इंतजार कर रहे हैं. पुष्कर के मामा महेंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि दो माह पूर्व ही उनका भांजा पुष्कर अपने घर छीनीगोठ आया था. उसने बताया था कि वह उत्तरकाशी में ऑलवेदर परियोजना में मजदूरी का काम करता है.
उन्होंने बताया कि पुष्कर की परिजनों से उससे आखिरी बार बात दीवाली से एक दिन पहले हुई थी. तब से परिजनों की पुष्कर से कोई बात नहीं हो पाई है. महेंद्र सिंह बताते हैं कि पुष्कर के पिता भी मजदूरी करते हैं. जबकि माता गृहिणी हैं. घटना की जानकारी मिलने के बाद से पुष्कर के माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है. माता-पिता प्रशासन से पुष्कर को सकुशल बाहर निकालने की लगातार गुहार लगा रहे हैं.
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