चंपावत: सरकार विकास के कई दावे कर रही है, लेकिन यह वादे ग्रामीण इलाकों में पूरी तरह पस्त नजर आ रहे हैं. वहीं जनपद के बाराकोट ब्लॉक से लगा काकड़ गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. गांव में पेयजल से लेकर संचार तक की सुविधा से लोग महरूम हैं. जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
मूलभूत सुविधा से वंचित काकड़ गांव. बता दें कि चंपावत के काकड़ गांव के ग्रामीण आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. यहां पेयजल और संचार को लेकर ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. गांव में किसी भी ग्रामीण के पास अपना पानी का कनेक्शन नहीं है. जहां सरकार एक ओर गांवों को हर सुविधा मुहैया कराने की बात करती है, वहीं जमीनी हकीकत ठीक उलट है.
ब्लॉक मुख्यालय से लगे इस गांव में किसी भी जनप्रतिनिधि और जिम्मेदार अधिकारी की नजर नहीं पड़ रही है. ग्रामीणों का कहना है कि कोरोनाकाल में भी सरकारी नलों में पानी नहीं आ रहा है. जिससे उनके दैनिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं.
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वहीं, ग्राम प्रधान पूजा अधिकारी, शिवराज सिंह अधिकारी और जगदीश सिंह अधिकारी ने गांव में मूलभूत सुविधा न होने पर अफसोस जताया है. उन्होंने बताया कि इतनी बड़ी ग्राम सभा में पेयजल हेतु मात्र दो सार्वजनिक पोस्ट हैं. जहां पर बड़ी मुश्किल से सप्ताह में एक या दो दिन पानी आता है. जिस कारण ग्रामीणों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है. ग्राम सभा का जिंडी तोक आज भी सड़क सुविधा से वंचित है. जहां से गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को अस्पताल ले जाने और लाने के लिए डोली का प्रयोग करना पड़ता है.