चंपावत:डुंगरासेठी गांव में जश्न का माहौल है. बुधवार को गांव का आईटीबीपी जवान नौ साल बाद अपने परिवार के वापस लौट आया. जवान विक्रम सिंह चौधरी के स्वागत के लिए पूरे गांव में उत्साह देखने को मिला. विक्रम पिछले नौ साल से लापता था, उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं थी. विक्रम चंपवात के एक युवक नाथ सिंह को दिल्ली के कनाट प्लेस के पास मंदिर में मिला.
जानकारी के मुताबिक डुंगरासेठी निवासी विक्रम सिंह चौधरी 1986 में आईटीबीपी में उपनिरीक्षक पद पर भर्ती हुए थे. नवंबर 2009 में विक्रम एक माह की छुट्टी पर घर आए थे. 20 दिसंबर को वह छुट्टी से वापस कानपुर के बरोरा गुजैनी स्थित आईटीबीपी की 32वीं बटालियन को रवाना हुए. दो फरवरी 2010 को परिजनों को सूचना मिली कि विक्रम कैंप नहीं पहुंचे. इसके बाद परिजन और आईटीबीपी ने उसकी कई जगह तलाश की लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा.
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परिजनों ने एसडीएम से लेकर गृह मंत्रालय तक पत्राचार किया. पुलिस में गुमशुदगी भी दर्ज कराई थी, लेकिन विक्रम का कहीं पता नहीं चल पाया. परिजनों ने विक्रम के लौटने की उम्मीद भी छोड़ दी थी. विक्रम की पत्नी मंजू और उसके दो बच्चे गांव में ही रहते हैं. इसी बीच सल्ली-सायली निवासी नाथ सिंह ने तीन-चार दिन पूर्व विक्रम को दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर से ढूंढ निकाला.
नाथ ने विक्रम की उनके बड़े बेटे संदीप से फोन पर बात भी कराई. विक्रम के बारे में परिजनों को जैसे ही जानकारी मिली तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. नाथ बुधवार सुबह नौ बजे विक्रम को लेकर गांव पहुंचे.
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विक्रम की पत्नी मंजू ने बताया कि आज वो बहुत खुश हैं. नौ साल से वो अपने पति की तलाश कर रही थी. इन नौ सालों में विक्रम की दो बेटियों और एक बेटे की शादी भी हो गई. छोटे बेटे प्रदीप की पढ़ाई पूरी हो गयी है. अपने पिता के बारे में बात करते करते प्रदीप भी भावुक हो गया.