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जनरल-ओबीसी कर्मचारियों का विरोध हुआ तेज, 20 दिसंबर को उग्र आंदोलन की चेतावनी

जनरल ओबीसी कर्मचारियों का विरोध दिनों दिन तेजी पकड़ता जा रहा है. इसके चलते देहरादून और चंपावत में विरोध प्रदर्शन किया गया.

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जनरल-ओबीसी विरोध

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Published : Dec 17, 2019, 7:41 PM IST

देहरादून/चंपावत: प्रदेश में जनरल ओबीसी कर्मचारियों का विरोध- प्रदर्शन तेज हो गया है. इसके चलते मंगलवार को जनरल ओबीसी कर्मचारी यूनियन ने आरक्षण रोस्टर को लेकर कई जगहों पर धरना प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन के दौरान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. साथ ही संगठनों ने कहीं रैली निकाली तो कहीं जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया.

जनरल-ओबीसी विरोध

देहरादून
राजधानी के गांधी पार्क में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया. धरना प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. वहीं, यूनियन ने चेतावनी देते हुए कहा कि 20 दिसंबर को सभी जिलों में एक रैली का आयोजन किया जाएगा. रैली के माध्यम से सरकार को आभास होगा कि ओबीसी वर्ग के कर्मचारी किस तरह से नाराज हैं. साथ ही इस रैली के माध्यम से सरकार की आंखें खोलने का काम किया जाएगा.

उत्तराखंड सरकार ने अगस्त 2019 कैबिनेट बैठक में सरकारी सेवाओं के आरक्षण रोस्टर में बदलाव किया है. जिसके बाद पहले नंबर के बजाय छठे नंबर को आरक्षित वर्ग में शामिल किया गया है. सरकार ने अपने ही आदेश को निरस्त करते हुए कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया.

जिसकी रिपोर्ट के बाद रोस्टर तय करने की बात कही गई है. राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से प्रदेश के सभी सरकारी सेवाओं में प्रमोशन पर रोक लगा दी है. हालांकि इस मामले पर 15 नवंबर को नैनीताल हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिए हैं कि प्रमोशन से रोक हटाई जाए.

जनरल ओबीसी वर्ग के कर्मचारियों का कहना है कि सरकार इस पूरे विवाद में नहीं फंसना चाहती है इसलिए कर्मचारियों पर कोई फैसला नहीं ले रही है. वो फिलहाल धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन जल्द ही अपना आंदोलन तेज करेंगे.

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चंपावत

जिला मुख्यालय में जनरल ओबीसी एसोसिएशन की जिला इकाई ने पदोन्नति में आरक्षण के विरोध में कलक्ट्रेट परिसर में नारेबाजी के साथ एक दिन का सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया. उन्होंने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा. कर्मचारियों का कहना था कि सरकार की ओर से पदोन्नति में रोक लगाई गई है. जबकि हाईकोर्ट ने पदोन्नति पर से रोक हटा दी है. लेकिन, जनरल और ओबीसी के अधिकतर अधिकारी, कार्मिक, इंजीनियर, शिक्षक बिना पदोन्नति के सेवानिवृत्त हो रहे हैं.

जिले के विभिन्न संगठनों के जनरल और ओबीसी कर्मचारियों ने इस बार सरकार से पदोन्नती में आरक्षण को पूर्ण तरह से समाप्त करने के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ने की बात कही है. वहीं, एसोसिएशन के जिला संयोजक भूपेंद्र प्रकाश जोशी ने बताया कि यदि राज्य सरकार की ओर से इस मामले में जल्द कोई निर्णय नहीं लिया गया तो कर्मचारी उग्र आंदोलन के लिए विवश होंगे.

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