चंपावत:जिले में जो कुटीर उद्योग हैं, वो वर्तमान में कोरोना महामारी की वजह से बंदी की कगार पर पहुंच गए हैं. उत्पादों की मांग घटने के कारण अधिकांश उद्योग धंधों पर आर्थिक संकट मंडराने लगा है. हालांकि उद्योग विभाग और सरकार की ओर से कोरोनाकाल में नए उद्योग धंधों को खड़ा करने के लिए विभिन्न योजनाएं तो बनाई गई हैं, लेकिन पुराने उद्योगों को आर्थिक मदद देने के लिए कोई कार्य योजना अभी तक नहीं बनाई जा सकी है.
साल 2014 में उद्योग विभाग की ओर से औद्योगिक संस्थान में विजय टायर रिट्रेडिंग उद्योग को 11 लाख रुपए का लोन लेकर शुरू किया गया था. इस उद्योग में टायर पर रबर चढ़ाने का काम होता था, जिसमें पहले 6 लोग काम किया करते थे. लेकिन पिछले चार महीनों में कोरोना की वजह से कर्मचारियों की संख्या कम हो गई है. ऑर्डर भी आधे रह गए हैं. यही हाल श्रीराम फल संरक्षण उद्योग का है, जिसे साल 2007 में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संगठन के अध्यक्ष महेश चौड़ाकोटी ने शुरू किया था. इस उद्योग में अचार, जैम और जैली का कारोबार होता था.