चंपावत:जिले के सुखीढांग स्थित राजकीय इंटर कॉलेज में चल रहा भोजन माता विवाद आखिरकार सुलझ गया है. आज जिला शिक्षा अधिकारी और अन्य अधिकारियों ने स्कूल पहुंचकर विद्यालय के बच्चों के साथ बैठकर भोजन किया. साथ ही अधिकारियों ने स्कूली बच्चों को आपसी सौहार्द बनाए रखने को कहा है.
बता दें कि कुमाऊं डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने भोजन माता विवाद में दोनों पक्षों को साथ बैठाकर मामला सुलझाने की बात कही थी. उसी के तहत आज सोमवार को विद्यालय में अध्ययनरत सभी वर्ग के छात्र छात्राओं के साथ मुख्य शिक्षा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी और एपीडी ने बैठकर भोजन किया है.
स्कूल के सभी बच्चों ने साथ बैठकर खाया खाना: मुख्य शिक्षा अधिकारी चंपावत आरसी पुरोहित के नेतृत्व में उप खंड शिक्षा अधिकारी अंशुल बिष्ट और एपीडी विम्मी जोशी की 3 सदस्य टीम भोजन माता मामले की जांच को सोमवार को विद्यालय पहुंची. इस दौरान कक्षा 6 से 8 तक उपस्थित 66 में से 61 बच्चों ने एक साथ बैठकर भोजन माता विमला उप्रेती के हाथों से बना भोजन किया. वहीं, 5 बच्चे अनुपस्थित रहे. इस दौरान कुछ अनुसूचित जाति के बच्चे घर से खाना बनाकर लाए थे लेकिन मुख्य शिक्षा अधिकारी व अन्य शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बच्चों को समझा-बुझाकर उन्हें स्कूल में बना भोजन खिलाया.
वहीं, बीते गुरुवार और शुक्रवार को एससी वर्ग के बच्चों ने स्कूल में सामान्य वर्ग की भोजन माता के हाथ से बना भोजन नहीं खाया था. क्योंकि, इससे पहले एससी वर्ग की भोजन माता द्वारा भोजन बनाया गया भोजन भी सामान्य वर्ग के बच्चों ने नहीं किया था. ऐसे में जिलाधिकारी चंपावत के निर्देश पर एसडीएम टनकपुर हिमांशु कफल्टिया के नेतृत्व में जिला शिक्षा अधिकारी और सीओ अशोक कुमार सहित अन्य अधिकारियों ने दोनों पक्षों के लोगों को बैठा कर मामले को सुलझा दिया था.