चंपावत: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का चंपावत से उपचुनाव (CM Dhami will contest by-election from Champawat Seat) लड़ने का रास्ता साफ हो गया है. चंपावत से विधायक कैलाश गहतोड़ी ने इस्तीफा (Champawat MLA Kailash Gahatodi resign) विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा. कैलाश गहतोड़ी के इस्तीफे के तुरंत बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चंपावत रवाना हो गए. ऐसा इसीलिए क्योंकि सीएम धामी कोई भी समय गंवाए बगैर ही उपचुनाव की तैयारी में जुट गये हैं.
लगभग 5 किलोमीटर पैदल मार्ग से चलकर पौराणिक गोरखनाथ मंदिर में दर्शन पूजन किया और उपचुनाव का बिगुल फूंक दिया है. इस दौरान स्थानीय लोगों को संबोधित करते हुए सीएम धामी ने कहा कि जब तक प्रदेश के सभी 13 जिले विकास के पथ पर नहीं चल पड़ते हैं, तब तक प्रदेश का विकास संभव नहीं हैं. हम इसके लिए हर संभव कदम उठाएंगे ओर अगर जरूरत पड़ी तो केंद्र सरकार से भी मदद लेंगे. जल्द ही आप देखेंगे कि प्रदेश विकास की राह पर आगे बढ़ रहा होगा, मुख्यमंत्री धामी ने कहा की चंपालत की उत्तराखंड में अलग ही पहचान बनेगी और चंपावत उत्तराखंड के मानचित्र में अलग ही चमकेगा.
चंपावत सीट को जातिगत समीकरणों के आधार पर धामी के लिए आसान माना जा रहा है. पहाड़ी जिले की इस सीट पर करीब 54 फीसदी ठाकुर मतदाता हैं. सीएम धामी भी ठाकुर हैं. इस सीट पर 24 फीसदी ब्राह्मण हैं. ब्राह्मणों को परंपरागत रूप से बीजेपी का वोटर माना जाता है. चंपावत सीट पर 18 फीसदी दलित और चार फीसदी मुस्लिम वोटर भी हैं. इस तरह वोटों के गुणा-गणित को देखते हुए बीजेपी ने सीएम धामी को चंपावत से उपचुनाव लड़ाना मुफीद समझा.
ये भी है कारण: सीएम धामी खटीमा सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं. उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में धामी को अपनी परंपरागत सीट खटीमा में हार का सामना करना पड़ा. चंपावत सीट सीएम धामी की परंपरागत खटीमा सीट से सटी हुई है. इसलिए वह यहां के राजनीतिक, जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों से भी परिचित हैं. इस कारण सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत सीट को चुना होगा.