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चंपावत जिला मना रहा 25वीं वर्षगांठ, जानिए कैसे बना था नया जनपद - चंपावत में आरटीओ ऑफिस

उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने 15 सितंबर 1997 को चंपावत को जिला का दर्जा दिया था. आज चंपावत अपनी 25वीं वर्षगांठ मना रहा है. चंपावत कुमाऊं के मध्यकालीन चंद वंश का मौलिक स्थल रहा है. उत्तराखंड के पर्यटक स्थलों में चंपावत अपनी विशिष्ट पहचान रखता है.

Champawat District Foundation day
चंपावत जिला गठन

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Published : Sep 15, 2022, 8:01 PM IST

खटीमाःचंपावत जिला आज अपनी25वीं वर्षगांठ मना रहा है. आज ही के दिन यानी 15 सितंबर 1997 में चंपावत को एक स्वतंत्र जिला बना था. इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद वासियों को बधाई दी. वहीं, चंपावत विकास संघर्ष समिति ने केक काटकर वर्षगांठ (Establishment Day of Champawat District) मनाई.

चंपावत विकास संघर्ष समिति (Champawat Vikas Sangharsh Samiti) के अध्यक्ष बसंत तड़ागी ने कहा कि जनपद गठन के 25 साल बाद भी विकास के कई मसले अभी अधूरे हैं. जिन्हें पूरा किया जाना है. जिले में लागू होने वाली योजनाओं को लेकर लोगों से भी विचार विमर्श किया जाएगा.

चंपावत जिला मना रहा 25वीं वर्षगांठ.

उन्होंने लोगों की राय से के अनुसार जिले के विकास की रूपरेखा तैयार की जाएगी. वहीं, चंपावत विधायक और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद वासियों को जिला गठन की बधाई दी. साथ ही एक चंपावत में आरटीओ ऑफिस खोलने की घोषणा (Champawat RTO office) की.

15 सितंबर 1997 को जिला बना था चंपावतःबता दें कि चंपावत जिला पूर्व में अल्मोडा जिले का एक हिस्सा था. साल 1972 में पिथौरागढ़ जिले के तहत यह हिस्सा आ गया. जिसके 15 सितंबर 1997 में चंपावत को एक स्वतंत्र जिला घोषित किया. उत्तराखंड में संस्कृति और धर्म की उत्पत्ति की जगह के रूप में चंपावत को जाना जाता है.

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चंपावत भूमि नागा और हिंदू पौराणिक कथाओं में वर्णित किन्नर के घर से जाना जाता है. इस क्षेत्र में खस राजाओं का शासन था. क्षेत्र के ऐतिहासिक स्तंभ, स्मारक, पांडुलिपियां, पुरातत्व संग्रह और लोककथाएं इसके ऐतिहासिक महत्व का प्रमाण हैं. पांडुलिपियां ये स्पष्ट कर देती हैं कि कत्युर साम्राज्य ने अतीत में इस क्षेत्र पर शासन किया था.

चंपावत जिला उत्तराखंड राज्य के 13 जिलों में से एक है. चंपावत जिले का प्रशासकीय मुख्यालय चंपावत में है. यह राजधानी देहरादून से 266 किमी की दूरी पर स्थित है. चंपावत जिले की आबादी लगभग 2,59,648 है. आबादी की लिहाज से राज्य में 12वां सबसे बड़ा जिला है. चंपावत में पांच तहसीले हैं. जिनमें बाराकोट, चंपावत, लोहघाट, पाटी और पूर्णागिरी शामिल है.

औपचारिक रूप से इस क्षेत्र का गठन 15 दिसंबर 1997 को मायावती (Uttar Pradesh Former CM Mayawati) ने किया था. चंपावत में अब तक 22 जिलाधिकारी रहे हैं. जिसमें सबसे पहले जिलाधिकारी नवीन चंद्र शर्मा थे और वर्तमान में नरेंद्र भंडारी जिलाधिकारी हैं. चंपावत जिला, भौगोलिक दृष्टि से तराई, शिवालिक और उच्च पर्वत श्रृंखलाओं में विभाजित है. इसके पूर्व में नेपाल, दक्षिण में उधम सिंह नगर, पश्चिम में नैनीताल और उत्तर-पश्चिम में अल्मोड़ा जिला स्थित है.

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