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Published : Apr 3, 2022, 9:33 PM IST

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चंपावत से CM पुष्कर सिंह धामी लड़ सकते हैं उपचुनाव, जानिए क्या हैं कारण

धामी के खटीमा विधानसभा चुनाव में हारने के बाद अब तक करीब आधा दर्जन विधायक उनके लिए अपनी सीट खाली करने की पेशकश कर चुके हैं. इसमें चंपावत से विधायक कैलाश गहतोड़ी का नाम भी है. गहतोड़ी ने सबसे पहले पुष्कर धामी के लिए सीट छोड़ने की बात कही थी. धामी ने भी मुख्यमंत्री बनने के बाद सबसे पहला राजनीतिक दौरा चंपावत का ही किया. जिसके बाद अटकलों का बाजार गर्म है.

Champawat assembly seat for the by-election is most favorable for Chief Minister Pushkar Dhami.
उपचुनाव के लिए चंपावत विस सीट मुख्यमंत्री के लिए सबसे ज्यादा मुफीद

देहरादून:सीएम पुष्कर सिंह धामी केउपचुनाव के लिए चंपावत विधानसभा सीट ही सबसे ज्यादा मुफीद लग रही है. इस सीट के सियासी समीकरण और अब तक के हुए घटनाक्रमों पर नजर डाले तो ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सीएम धामी चंपावत विस सीट से ही उपचुनाव लड़ सकते हैं. मुख्यमंत्री बनने के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पहला राजनीतिक दौरा चंपावत विधानसभा क्षेत्र का किया.

उनके इस दौरे के बाद तो सियासी गलियारों में भी इस तरह की चर्चाएं हैं. सियासी जानकारों का मानना है कि दौरे के बहाने मुख्यमंत्री चंपावत की सियासी नब्ज टटोल रहे हैं. यहां के हालातों को देख समझने के बाद शायद हो सकता है कि पुष्कर सिंह धामी चंपावत से ही उपचुनाव लड़ें. प्रदेश में वैसे तो कई विधायक हैं जो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए सीट छोड़ने को तैयार हैं, वह चाहते हैं कि सीएम धामी उनकी विधानसभा सीट से उपचुनाव लड़े.

उपचुनाव के लिए चंपावत विस सीट मुख्यमंत्री के लिए सबसे ज्यादा मुफीद

लेकिन यह फैसला कोई आम नहीं है. इस फैसले के पीछे मुख्यमंत्री कि वह कुर्सी दांव पर लगी है, जिसे पार्टी हाईकमान ने बड़े भरोसे से धामी को सौंपा है. वैसे मुख्यमंत्री के उपचुनाव का इतिहास रहा है कि कोई भी सीएम इन परिस्थितियों में चुनाव नहीं हारा है, लेकिन फिर भी कोई खतरा लिए बिना मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक ऐसी सेफ सीट चाहते हैं जहां जीत का भरोसा सौ प्रतिशत हो.

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प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान लोगों ने जिस तरह भाजपा पर विश्वास किया इस लिहाज से प्रदेश की सीटें मुख्यमंत्री के लिए मुफीद हैं, लेकिन इसके बावजूद इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा चंपावत विधानसभा सीट की ही है. पार्टी के नेता कहते हैं कि मुख्यमंत्री चंपावत ही नहीं बल्कि प्रदेश किसी भी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. लिहाजा वह किस विधानसभा सीट को इसके लिए चुनेंगे इसका अधिकार उनको ही है.

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भाजपा के नेताओं ने यूं तो एक शिगूफा छोड़कर कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों द्वारा भी सीट छोड़ने के लिए मुख्यमंत्री से बात करने का पक्ष रखा है, लेकिन कुछ एक सीट छोड़ दे तो अधिकतर सीटों पर मुख्यमंत्री चुनाव लड़ने का इरादा बनाएंगे, ऐसा कम ही दिखाई देता है. ऐसे में चंपावत विधानसभा सीट पर मुख्यमंत्री क्यों दांव खेल सकते हैं और यह सीट क्यों चर्चा में आइए जानते हैं

  • चंपावत विधानसभा सीट मुख्यमंत्री की पारंपरिक सीट खटीमा से मिलती हुई है.
  • चंपावत विधानसभा सीट से भाजपा विधायक कैलाश चंद गहतोड़ी इस सीट को खाली करने के लिए तैयार हैं.
  • भाजपा के पास यह विधानसभा सीट पिछले 2 चुनाव से लगातार बनी हुई है.
  • कैलाश गहतोड़ी ने इस सीट को कांग्रेस प्रत्याशी से बड़े अंतर से हराया है.
  • जातीय समीकरण के लिहाज से यह सीट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए मुफीद है.
  • सत्ताधारी पार्टी को ही जिताने का इस सीट का इतिहास भी सीएम के चुनाव लड़ने के पक्ष में है.
  • मुख्यमंत्री बनने के बाद पुष्कर धामी ने पहला दौरा चंपावत का किया.

वैसे तो भाजपा और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने उपचुनाव को लेकर आश्वस्त से दिखाई देते हैं, लेकिन कांग्रेस अब भी मुकाबले में बड़ा रहना चाहती है. कांग्रेस नेता कहते हैं कि भले ही भाजपा ने बड़ी जीत हासिल की हो लेकिन कांग्रेस के प्रत्याशी के मुख्यमंत्री के चेहरे को हराने में कामयाबी हासिल की थी, लिहाजा जब भी उपचुनाव होंगे कांग्रेस पूरे दमखम के साथ इस चुनाव को लड़ेगी और जीत भी हासिल करेगी.

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