चंपावत : आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का धरना 8वें दिन भी जारी रहा. 8वें दिन कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी के बीच कलक्ट्रेट में धरना दिया. इस दौरान उन्होंने बाल विकास मंत्री रेखा आर्या के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की.
बता दें कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बाल विकास मंत्री के उस बयान से नाराज हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता महज तीन घंटे ही कार्य करती हैं. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे अवकाश के दिन भी ड्यूटी के लिए तत्पर रहती हैं. उन्होंने अपनी सात सूत्रीय मांगों पर कर्रवाई करने की मांग की है.
आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का धरना. यह भी पढ़ें-बर्फबारी से काश्तकारों को बंधी उम्मीद, अच्छी पैदावार के आसार
संगठन ने मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को उच्चीकृत करने, सहायिकाओं के मानदेय में 75 फीसदी वृद्धि करने, विभागीय पदोन्नति देने के साथ आयु सीमा हटाने, वरिष्ठता के आधार पर हर माह मानदेय बढ़ाने, दीपावली बोनस और यात्रा भत्ता देने की मांग की. जिलाध्यक्ष मीना बोहरा ने कार्यकर्ताओं का मानदेय 18000 रुपये प्रति माह करने की मांग की.
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने मांग पूरी नहीं होने तक आंदोलन पे डटे रहने का ऐलान किया. बता दें कि प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर सात सूत्रीय मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बीते छह जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. इस वजह से जिले के सभी 681 आंगनबाड़ी केंद्रों में ताले लटक गए हैं.
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आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के हड़ताल पर जाने से पोषण समेत अन्य सरकारी कार्यक्रम ठप पड़ गए हैं. वहीं ब्लॉक महामंत्री दीपा पांडेय और जिला महामंत्री विमला पनेरू ने का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती, तब तक कार्य बहिष्कार जारी रहेगा. धरना देने वालों में तुलसी सेठी, बीना पांडेय, शोभना पांडेय, शशिप्रभा और गीता देवी शामिल रहीं.