हल्द्वानी/लक्सर/खटीमाः उत्तराखंड में सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई जारी है. इसके साथ अवैध धार्मिक निर्माणों को भी ध्वस्त किया जा रहा है. इसी कड़ी में हल्द्वानी, लक्सर और खटीमा में अवैध धार्मिक समेत वन भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है. वहीं, अतिक्रमणकारियों को आगामी 25 मई तक कब्जा खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया है.
हल्द्वानी में धार्मिक अतिक्रमण हटाने को लेकर 25 मई तक का अल्टीमेटमः हल्द्वानी वन प्रभाग ने अपनी जमीन को खाली करवाने की पूरी तैयारी कर ली है. वन प्रभाग ने काठगोदाम में दो धार्मिक स्थलों को चिन्हित कर नोटिस थमाया है. उन्हें 25 मई तक अतिक्रमण को खाली करने को कहा गया है. यदि 25 मई तक धार्मिक स्थलों को नहीं हटाया गया तो वन विभाग अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करेगा.
हल्द्वानी वन प्रभाग के डीएफओ बाबूलाल के मुताबिक, वन क्षेत्र में दो धार्मिक संरचनाओं को भारतीय वन अधिनियम 1927 के तहत संबंधित धाराओं में नोटिस जारी किया गया है. यदि 25 मई तक धार्मिक स्थलों को लेकर कोई जवाब वन विभाग को नहीं मिला तो वन क्षेत्र में बने धार्मिक स्थलों को हटाने का काम शुरू कर दिया जाएगा. यह क्षेत्र साल 1968 में आरक्षित वन क्षेत्र घोषित कर दिया गया था.
लक्सर में तालाब की भूमि में बने अवैध मकानों पर होगी कार्रवाईःलक्सर तहसील क्षेत्र के अकोढा कला गांव में कोर्ट के आदेश पर तालाब की भूमि पर बने अवैध भवन निर्माण को तोड़ा जाएगा. जिसे लेकर आज प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और तालाब की जद में आ रहे सभी मकानों को चिन्हित किया. जिससे गांव में अफरा तफरी मची रही.
बता दें कि अकौढ़ा कला उर्फ औरंगजेबपुर गांव के जगपाल ने साल 2012 में तहसील में शिकायत कर बताया था कि गांव के ही सलीम, खलील, इस्लाम व सलीम ने तालाब की भूमि पर कब्जा कर अपने मकानों के निर्माण कर रहे हैं. इसके बाद शिकायतकर्ता जगपाल और संजय कुमार ने स्थानीय स्तर पर कार्रवाई न होने पर नैनीताल हाईकोर्ट में जन याचिका दायर की थी. अब उनकी जन याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए चारों लोगों पर कार्रवाई करते हुए अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए.