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चंपावत: दो साल से स्क्रबर में रह रही है महिला, हकीकत देख आपके भी उड़ जाएंगे होश - बाराकोट ब्लॉक की खबर

चंपावत के बारोकोट के जंगल में एक महिला सुविधा के अभाव में पिछले दो साल से स्क्रबर में रह रही थी. जिसकी जानकारी स्थानीय लोगों ने पुलिस को दी.

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स्क्रबर में रह रही है महिला

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Published : Apr 9, 2020, 3:54 PM IST

Updated : Apr 10, 2020, 12:35 PM IST

चंपावत: जिले के बाराकोट ब्लॉक के लिंक रोड में विद्युत सब स्टेशन के पास एक अधेड़ जयंती देवी महिला मिली है. जो पिछले दो साल से एक गुफानुमा स्क्रबर में रह रही थी. वहीं महिला को खाने पीने की चीजें कभी-कभी राहगीर या फिर स्थानीय निवासियों द्वारा मिल जाती है. जिससे महिला अपना भरण पोषण कर रही है. हालांकि महिला कहां की रहने वाली है, इसकी जानकारी किसी को नहीं है. क्योंकि महिला मानसिक रूप से विक्षिप्त बतायी जा रही है.

वहीं, जंयती देवी जिस हाल में रह रही है, उसकी जानकारी जिला प्रशासन तक को नहीं है. महिला जंगल में बिना किसी साधन के अकेले ही रह रही है. राजस्व क्षेत्र होने के बावजूद यहां के स्थानीय पटवारी और एसडीएम को भी इसकी जानकारी नहीं है. कुछ समय पहले पुलिस विभाग को महिला के इस तरह रहने की जानकारी मिली है. तब जाकर लोहाघाट के थानाध्यक्ष मनीष खत्री ने महिला को राशन उपलब्ध करवाया है.

स्क्रबर में रह रही है महिला

आज के युग में जहां लोग तमाम भौतिक सुख सुविधाओं का उपयोग कर रहे हैं. ऐसे में कोई महिला इस तरह स्क्रबर में रह कर जीवन यापन कर रही हो, इसकी कल्पना मात्र से ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं. इतने समय से इस महिला का संज्ञान प्रशासन ने भी नहीं लिया, जबकि इसके ठीक ऊपर तहसील कार्यालय है. यह महिला जंगली जानवरों की डर से स्क्रबर को सूखी घास एवं कंटीली झाड़ियों से ढक कर रखती है. वहीं महिला का कहना है कि कभी-कभी रात के अंधेरे में वह घबरा जाती है, यदि कहीं से एक लैंप की व्यवस्था हो तो कर दीजिएगा.

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दुर्भाग्य है कि यह महिला जहां रह रही है, वहां से विद्युत सब स्टेशन महज 5 सौ मीटर की दूरी पर है. यदि किसी दिन इस घास में आग लग जाए या भयानक बारिश हो जाए तो इस महिला का जीवन संकट में पड़ सकता है.

स्थानीय लोगों की सूचना पर लोहाघाट थानाध्यक्ष मनीष खत्री ने महिला को राशन उपलब्ध करवाया और उसके रहने की व्यवस्था करने की बात कही है, लेकिन अब देखना होगा की क्या महिला को कोई सरकारी सुविधा नसीब होगी या फिर उसे इसी तरह से में जीना होगा.

Last Updated : Apr 10, 2020, 12:35 PM IST

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